New Delhi : भारतीय पायलट संघ (एफआईपी) अहमदाबाद में 12 जून को हुई विमान दुर्घटना को लेकर विदेशी मीडिया की भ्रामक रिपोर्टिंग किये जाने से नाराज है. खबर है कि एफआईपी ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स को इस संबंध में कानूनी नोटिस भेजा है. एफआईपी ने अपने नोटिस में दोनों मीडिया हाउस से गलत रिर्पोटिंग करने के लिए माफी मांगने को कहा है.
#WATCH | Pune | On Wall Street Journal's news report on Air India AI 171 crash, Minister of State for Civil Aviation and Cooperation Murlidhar Mohol says, "We must not pay attention to what the foreign media says. We have the impartial report from AAIB... This is a primary report… pic.twitter.com/E3Zw7aH28V
— ANI (@ANI) July 19, 2025
भारतीय पायलट संघ के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने जानकारी दी कि एफआईपी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स को नोटिस भेजा है. हमने उनसे माफी मांगने की मांग की है. एफआईपी ने रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को ईमेल भेजा है.
ईमेल में कहा गया है कि एफआईपी को जानकारी मिली है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग बार-बार चुनिंदा और असत्यापित रिपोर्टिंग के माध्यम से विमान हादसे का निष्कर्ष निकालने का प्रयास कर रहे हैं. इस विमान दुर्घटना के कारण जनता को गहरा सदमा पहुंचा है.
ईमेल में कहा गया है कि यह भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा को लेकर, खासकर निराधार तथ्यों के आधार पर जनता में चिंता या आक्रोश पैदा करने का समय नहीं है.
एफआईपी ने अपने नोटिस में कहा है कि आप आधिकारिक पुष्टि और अंतिम रिपोर्ट के बिना ऐसी कोई भी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित न करें, जिसमें दुर्घटना के कारणों पर अटकलें लगाई गयी हों और मृत पायलटों को दोषी करार दे रही हों. ऐसी अटकलें लगाने वाली सूचनाएं प्रकाशित करना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है.
एफआईपी ने कहा कि ऐसी रिपोर्टिंग से मृत पायलटों की प्रतिष्ठा को गंभीर और अपूरणीय क्षति हुई है. ईमेल में लिखा है कि रॉयटर्स ने शोक संतप्त परिवारों को अनावश्यक संकट में डाला है. उसने पायलट वर्ग का मनोबल गिराया है.
एफआईपी ने अपने कानूनी नोटिस में रॉयटर्स से कहा है कि वह आधिकारिक पुष्टि और अंतिम रिपोर्ट के अभाव में दुर्घटना के कारण के बारे में अटकलें लगाने वाली या किसी व्यक्ति, विशेष रूप से मृत पायलटों को दोषी ठहराने वाली कोई भी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकें.
कानूनी नोटिस में कहा है कि रॉयटर्स 17 जुलाई 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट की तुरंत समीक्षा और संशोधन करें. इसमें एक उपयुक्त अस्वीकरण शामिल किया जाये और ऐसी किसी भी सामग्री को हटा दिया जाये, जिसे दोष देने के रूप में माना जा सकता है.
अपने नोटिस में एफआईपी ने रॉयटर्स को एक स्पष्टीकरण जारी करने के लिए कहा है, जिसमें स्वीकार किया गया हो कि अधिकारियों ने कोई अंतिम निष्कर्ष जारी नहीं किया है. यह लेख कुछ रिपोर्टों पर आधारित था. नोटिस के अनुसार कार्रवाई न करने पर मानहानि, मानसिक पीड़ा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए लागू कानून के तहत सभी कानूनी उपायों का सहारा एफआईपी द्वारा लिया जा सकता है.
साथ ही कैप्टन सीएस रंधावा ने कहा कि वे एनटीएसबी बोर्ड के बयान से खुश हैं. इससे पश्चिमी मीडिया में चल रही रिपोर्टों पर रोक लगेगी. शुरुआती भारतीय रिपोर्ट बिल्कुल स्पष्ट है. हमें अंतिम रिपोर्ट आने का इंतज़ार करना होगा.
अमेरिकी संघीय एजेंसी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने शुक्रवार को विमान हादसे पर मीडिया में आयी हालिया कवरेज की कड़ी आलोचना की थी. एनटीएसबी की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने कहा था कि एअर इंडिया 171 दुर्घटना पर हालिया मीडिया रिपोर्टें समय से पहले और अटकलें लगाने वाली हैं.