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सीयूजे में 'सस्टेनेबल इंजीनियरिंग' पर एआईसीटीई प्रायोजित एफडीपी का शुभारंभ

Ranchi : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) रांची के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘सस्टेनेबल इंजीनियरिंग: कॉन्सेप्ट्स एंड अप्रोचस’ विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) की शुरुआत की गई. यह कार्यक्रम एआईसीटीई-एटीएएल अकादमी द्वारा प्रायोजित है और 19 जुलाई 2025 तक चलेगा.

उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के डीन (अनुसंधान एवं विकास) प्रो. ए. के. पाधी, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन एवं एफडीपी समन्वयक प्रो. अजय सिंह, सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. एच. पी. सिंह और सह-समन्वयक डॉ. शिखा चौरसिया उपस्थित थे.

 

कार्यक्रम का उद्देश्य फैकल्टी को वैश्विक जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) और शैक्षणिक नवाचारों से जोड़ते हुए उनके शिक्षण और अनुसंधान को नई दिशा देना है.
अपने संबोधन में प्रो. पाधी ने विभाग की सक्रिय पहल की सराहना करते हुए इसे सतत शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला बताया. प्रो. अजय सिंह ने सतत इंजीनियरिंग की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि डिजाइन और प्रक्रियाओं में मानवीय और पर्यावरणीय प्रभावों को प्राथमिकता देनी चाहिए. डॉ शिखा चौरसिया ने सतत विकास के तीन स्तंभों पर प्रकाश डालते हुए कुलपति प्रो. के. बी. दास के सहयोग और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.

 

एफडीपी के पहले दिन, टीटीआई कंसल्टिंग इंजीनियर्स के डॉ अनिल कुमार ने ‘स्थायित्व के तीन स्तंभ’ पर विस्तृत व्याख्यान दिया. आगामी दिनों में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, ग्रांट थॉर्नटन, एक्सेंचर, और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ सतत विकास और इंजीनियरिंग विषयों पर व्याख्यान देंगे. कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों के लिए प्रश्नोत्तरी, चिंतन पत्रिका गतिविधि, और प्रमाणपत्र वितरण का आयोजन होगा. एफडीपी में 80% उपस्थिति और सक्रिय भागीदारी अनिवार्य होगी.

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