- ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट सितंबर के पहले सप्ताह में हो जाएगी तैयार
- आयोग की टीम हजारीबाग, कोडरमा और चतरा जिलों का दौरा करेगी
- झारखंड में पिछड़ों को बिहार की तुलना में कम मिल रहा आरक्षण
Ranchi : पिछड़ा वर्ग आयोग ने दावा किया है कि सितंबर के प्रथम सप्ताह में पिछड़ों के ट्रिपल टेस्ट से संबंधित रिपोर्ट मिल जायेगी. इस बीच, राज्य सरकार ने निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की भी तैयारी कर ली है, जिससे नगर निकाय चुनाव में आ रही अड़चनें दूर हो जायेंगी. जिलों से आयी रिपोर्ट का अध्ययन और उसे अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी संत जेवियर्स कॉलेज को दी गयी है.
31 अगस्त तक संत जेवियर्स कॉलेज रांची को अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी गयी है. अध्ययन के क्रम में बिहार और मध्य प्रदेश में हुए ओबीसी सर्वेक्षण के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश का भी ध्यान रखा जायेगा.
रिपोर्ट कंपाइल करने लिए तीन संस्थाओं ने लिया था हिस्सा
रिपोर्ट कंपाइल करने के लिए निकाले गए टेंडर में तीन संस्थाओं ने भाग लिया था, जिसमें दो के टेंडर समुचित अहर्ता नहीं पूरे करने के कारण रद्द हो गये थे. शेष बची एक संस्था संत जेवियर्स को फाइनल कर कार्यादेश देने का निर्णय 15 जुलाई को लिया गया. आयोग के अध्यक्ष के नेतृत्व में जिलों से आयी रिपोर्ट की सत्यता की जांच के लिए दौरा किया जा रहा है.
इस क्रम में 15 जुलाई से हजारीबाग, कोडरमा और चतरा जिलों की आयोग की टीम दौरा करेगी. जिला प्रशासन के साथ बैठक के अलावा लोगों से औचक बातचीत भी करेगी. आयोग के अध्यक्ष जानकी यादव ने कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड बना, मगर यहां पिछड़ों की जितनी आबादी है, उस हिसाब से आरक्षण का लाभ नहीं है. बिहार में पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण है, जबकि झारखंड में महज 14 फीसदी ही है.