Ranchi : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) द्वारा 10 छात्रों का आगामी सेमेस्टर पंजीकरण रद्द किए जाने के फैसले को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) झारखंड राज्य कमिटी ने कड़ी आपत्ति जताई है. संगठन ने इस कदम को शिक्षा के अधिकार, लोकतांत्रिक मूल्यों और छात्र-आवाज़ पर सीधा हमला बताया है और विश्वविद्यालय प्रशासन से आदेश को तत्काल रद्द करने की मांग की है.
आइसा की राज्य अध्यक्ष विभा पुष्पा दीप और राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ द्वारा कुलपति को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 25 अप्रैल 2025 को मनातू कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा तथा परीक्षा से वंचित दो छात्रों के समर्थन में शांतिपूर्ण और गैर-हिंसक प्रदर्शन किया गया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदर्शन के दौरान किसी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं हुई, ना ही अनुशासन का उल्लंघन किया गया. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षा भी पूर्व निर्धारित तिथि 28 अप्रैल को शांतिपूर्वक संपन्न हुई.
इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों पर अनुशासनहीनता और परीक्षा में बाधा पहुंचाने जैसे आरोप लगाते हुए उनका पंजीकरण रद्द कर दिया, जिसे आइसा ने मनमाना, अन्यायपूर्ण और दमनकारी करार दिया. संगठन का कहना है कि यह निर्णय छात्रों की लोकतांत्रिक असहमति को दबाने की साजिश है, जो किसी भी लोकतांत्रिक और अकादमिक संस्थान के लिए शर्मनाक है.आइसा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से 23 जून को जारी आदेश को तत्काल निरस्त करने, सभी छात्रों का पंजीकरण बहाल करने और असहमति रखने वाले छात्रों को दंडित करने की प्रवृत्ति से बचने की अपील की है. इसके साथ ही संगठन ने छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग भी उठाई है.