Ranchi: राजधानी रांची के डोरंडा कॉलेज में आज ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) द्वारा कॉलेज परिसर में व्याप्त महिला-विरोधी मानसिकता और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ एक सशक्त और शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं के प्रति असंवेदनशील रवैये, मोरल पुलिसिंग और सुरक्षा कर्मियों के दोहरे व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाना था.
प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनके कपड़ों को लेकर लगातार टिप्पणियां की जाती हैं. सुरक्षा गार्डों द्वारा अनुचित व्यवहार किया जाता है और कॉलेज में एक सुरक्षित और समावेशी माहौल का अभाव है.
आइसा की रांची जिला सचिव संजना मेहता ने कहा कि कॉलेज परिसर वह स्थान होना चाहिए जहां छात्राएं स्वतंत्र रूप से और बिना किसी जजमेंट के आ-जा सकें. यह एक शैक्षणिक संस्थान है ना कि नैतिकता तय करने का मंच.
आइसा झारखंड राज्य अध्यक्ष विभा ने कॉलेज प्रशासन से चार प्रमुख मांगें रखीं
- पोशाक के आधार पर किसी छात्र को रोका या टोका न जाए.
- सभी स्टाफ और गार्ड सम्मानजनक भाषा और व्यवहार अपनाएं.
- कॉलेज में GS-CASH/आंतरिक शिकायत समिति का गठन हो.
- महिला सुरक्षा गार्डों की शीघ्र नियुक्ति सुनिश्चित की जाए.
आइसा डीएसपीएमयू सचिव अनुराग राय ने कहा कि रांची का देश के 10 सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल होना बेहद चिंताजनक है. उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेजों में भी सुरक्षा के नाम पर नियंत्रण और भेदभाव किया जा रहा है.
आइसा प्रतिनिधिमंडल ने कॉलेज प्राचार्य से मुलाकात कर एक लिखित ज्ञापन सौंपा जिस पर प्राचार्य ने सहमति जताते हुए आश्वासन दिया कि कॉलेज प्रशासन इन मुद्दों पर जरूरी और त्वरित कार्रवाई करेगा.
कॉलेज प्रभारी सोनाली केवट ने भी कहा कि कॉलेज का वातावरण ऐसा होना चाहिए जहां सभी छात्र-छात्राएं बिना डर के पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में भाग ले सकें.
इस अवसर पर आइसा के राज्य, जिला और कॉलेज स्तर के कई पदाधिकारी मौजूद रहे. प्रमुख रूप से विभा पुष्पा दीप, संजना मेहता, विजय कुमार, मो समी, छुटुराम महतो, अनुराग राय, पीयूष कुमार, सत्यप्रकाश, स्वेता केवट आदि छात्र-छात्राएं प्रदर्शन में शामिल हुए.
Leave a Comment