Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : टेंडर घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मंत्री आलमगीर आलम उनके ओएसडी संजीव लाल और जहांगीर से हुई अब तक की पूछताछ में वरीय IAS अधिकारी मनीष रंजन की बड़ी भूमिका सामने आई है. इन तीनों के कबूलनामे के बाद अब झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन से ED सामने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है. पहले समन पर उपस्थित नहीं होने के बाद ED ने मनीष रंजन को दूसरा समन भेजकर 28 मई को पूछताछ करने के लिए बुलाया है. पुख्ता जानकारी के मुताबिक, टेंडर घोटाला से जुड़े इस मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मनीष रंजन की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है. इतना ही नहीं अब तक हुई जांच में इस पूरे घोटाले में कई प्रभावशाली लोगो की भी बड़ी भूमिका सामने आ रही है.
आलमगीर आलम को ED ने पूछताछ के बाद 15 मई की देर शाम गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से अब तक उनसे कोर्ट की अनुमति लेकर 11 दिनों तक पूछताछ कर चुकी है. सोमवार को तीसरी बार भी कोर्ट ने मंत्री आलमगीर से तीन दिनों की पूछताछ की मंजूरी दी है. इससे पहले उनके ओएसडी संजीव लाल और जहांगीर की भी गिरफ्तारी हो चुकी है और एजेंसी ने दोनों से कई दिनों तक पूछताछ की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. संजीव लाल और जहांगीर के ठिकाने से ED ने 35 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद किया था, ED का दावा है कि यह सारा पैसा टेंडर मैनेज करने के एवज में मिले कमीशन का है.
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