Ranchi : राज्य में रक्त सेवा को अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से बीटीएस झारखंड ने ब्लड बैंक मैनेजमेंट सिस्टम (BBMS) पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया. इस पहल के माध्यम से सभी रक्त केंद्रों का डिजिटलीकरण करते हुए रक्त प्रबंधन में दक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी.
कार्यक्रम का उद्घाटन विशेष सचिव स्वास्थ्य एवं परियोजना निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा, सदस्य सचिव एसबीटीसी डॉ एस एस पासवान, सहायक परियोजना निदेशक डॉ पी के सिन्हा और सी-डैक नोएडा के परियोजना समन्वयक राम जी गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया. सी-डैक के राष्ट्रीय विशेषज्ञ राम जी गुप्ता ने BBMS के संचालन और फीचर्स की विस्तृत जानकारी दी और राज्यभर के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान किया.
कार्यक्रम में सहायक निदेशक (औषधि) ने ब्लड बैंकों के सुचारू संचालन पर प्रस्तुति देते हुए सभी केंद्रों को मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए. डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक ब्लड सेंटर कर्मी की जिम्मेदारी स्पष्ट है और उन्हें पूरी तत्परता से कार्य करना होगा.
उन्होंने स्पष्ट किया कि अब रक्त जांच के लिए रैपिड टेस्ट की अनुमति नहीं होगी और केवल ELISA, Chemiluminescence और NAT परीक्षण ही मान्य होंगे, ताकि रक्त की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
उन्होंने सभी केंद्रों में कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था और डेटा अपडेट सुनिश्चित करने पर जोर दिया. साथ ही बताया कि ई-रक्तकोष और BBMS से जुड़े तकनीकी समाधान के लिए छह मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया है और जल्द ही प्रत्येक जिले में मास्टर प्रशिक्षक नियुक्त होंगे.
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