Ranchi : झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली कंपनी और एंबुलेंस कर्मियों के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है. लगातार सामने आ रहे आरोपों ने आपातकालीन सेवाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
एंबुलेंस कर्मचारी संघ का आरोप है कि धनबाद के एंबुलेंस कंट्रोलर ऑफिसर (ACO) तौसिफ आलम द्वारा घूस की मांग की जा रही है. संघ ने एक कॉल रिकॉर्डिंग भी जारी की है, जिसमें कथित रूप से 5000 रुपये की मांग की आवाज सुनाई देती है.
एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है की कई जिलों के विभागीय पदाधिकारियों द्वारा अवैध वसूली की जाती है और जो कर्मचारी रिश्वत नहीं देते, उन्हें ड्यूटी से हटा दिया जाता है तथा एंबुलेंस को जानबूझकर ऑफ रोड कर दिया जाता है.
संघ ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है. उनका कहना है कि इस तरह की गतिविधियां न केवल कर्मचारियों पर दबाव बनाती हैं बल्कि आपातकालीन सेवा संचालन को भी कमजोर करती हैं, जिससे मरीजों की जिंदगी पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
इधर, धनबाद ACO तौसिफ आलम ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. Lagatar से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी प्रकार की घूस नहीं ली है और उन पर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह झूठे, बेबुनियाद और साजिशन हैं.
मामला संवेदनशील होने के कारण कर्मचारी संगठनों ने प्रशासन से त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग की है, ताकि सच सामने आए और दोषियों पर कार्रवाई हो सके.
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