Ranchi: झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) में उप-निदेशक पद पर नियुक्ति में अनियमितता के आरोप लग रहे हैं. खास व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए उम्र सीमा को 62 से बढ़ाकर 64 कर दिया गया है. संविदा पर सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति में खास व्यक्ति को तरजीह देते हुए एडजस्ट करने के आरोप भी लग रहे हैं. आरोप है कि उन अफसरों को भी संविदा पर नियुक्त कर लिया गया, जो गंभीर आरोपों से घिरे हैं.
उपलब्ध दस्तावेज के मुताबिक, खास व्यक्ति को एडजस्ट करने के लिए विज्ञापन में अधिकतम आयु सीमा को भी बढ़ा दी गई. इतना ही नहीं विधानसभा में कार्रवाई करने का आश्वासन देने के बाद भी विभागीय मंत्री व विभाग ने अब तक ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं की.
इस पूरे मामले को लेकर राज्य के मुख्य सचिव, विभाग के सचिव और झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक से लिखित शिकायत की गई. लेकिन किसी भी स्तर से कार्रवाई नहीं हुई है. आरोपों को लेकर हमने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक शशि रंजन से बात की.
उनसे विभाग का पक्ष जानने प्रयास किया. सभी सवालों को सुनने के बाद उन्होंने कहा कि वह मीटिंग में हूं, बाद में फोन करके बताउंगा. उनका पक्ष मिलने पर उसे भी खबर में अपडेट किया जायेगा.
क्या है आरोप
JCERT में उप-निदेशक पद पर सेवानिवृत्त अधिकारियों की कॉन्ट्रैक्ट पर रखने के लिए 21 अगस्त 2024 को विज्ञापन जारी किया गया था. 9 सितंबर 2024 को इसके लिए इंटरव्यू किया गया. इंटरव्यू के बाद प्रदीप कुमार चौबे और बिंध्याचल पांडे का चयन उपनिदेशक पद के लिए किया गया. इसी पद के लिए इंटरव्यू में शामिल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से आने वाले रिटायर अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई. दोनों पद रिक्त पड़े हैं.
किस नियम का उल्लंघन
संविदा पर अधिकारियों की नियुक्ति के लिए JCERT ने विज्ञापन में उम्र सीमा अधिकतम 64 वर्ष निर्धारित किया. जबकि इससे पहले हुई नियुक्तियों में JCERT ने उम्र की अधिकतम सीमा 62 साल रखा था. अधिकतम उम्र सीमा 64 साल करने की वजह से प्रदीप कुमार चौबे नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सके. नियुक्ति के समय उनकी उम्र 63 साल से अधिक थी.
प्रदीप कुमार चौबे, वही अधिकारी हैं, जिन्हें सेवाकाल के दौरान निलंबन, त्यागपत्र और विभागीय जांच का सामना करना पड़ा था. वहीं सरकार को मिली शिकायत में दूसरे चयनित उप निदेशक बिंध्याचल पांडे के बारे में कहा गया है कि उनके पास प्रशासनिक अनुभव और शैक्षणिक शोध का अभाव है.
प्रदीप कुमार चौबे के खिलाफ JCERT में उनके पूर्व कार्यकाल के दौरान संस्थान में किए गये खरीद और छपाई से जुड़े मामलों में विभागीय जांच शुरु हुई थी. इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद भी फिर से चयन कर लिया गया है.
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