New Delhi : गुजरात के जामनगर में स्थित रिलायंस फाउंडेशन के वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर वनतारा की मुसीबत बढ़नेवाली है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने कल सोमवार को वनतारा की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश जारी किया है.
SIT की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जे चेलमेश्वर को सौंपी गयी है. अहम बात यह है कि वनतारा मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी का है. वनतारा जामनगर में 3000 एकड़ में फैला है, जहां सैकड़ों जानवरों की देखभाल होती है. इस पर हर साल 150-200 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. अनंत खुद इसकी मॉनिटरिंग करते हैं.
अदालत ने SIT को आदेश दिया है कि वह 12 सितंबर तक रिपोर्ट जमा करे. इस मामले में 15 सितंबर को फिर सुनवाई होगी. सुनवाई के आधार पर फैसला लिया जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने SIT को कहा है कि वह केंद्र(वनतारा) के संचालन और गतिविधियों की गहन जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे. SIT को इस बात की जांच करने को कहा गया है कि भारत और विदेश से जानवरों, खासकर हाथियों के अधिग्रहण और वाइल्ड लाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट, 1972 तथा चिड़ियाघरों के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं.
जस्टिस पंकज मित्तल और पीबी वराले की पीठ ने कोर्ट में दायर दो PIL पर SIT गठित करने का आदेश दिया है. PIL वकील सीआर जया सुकीन और Dev Sharma नामक याचिकाकर्ता ने दायर किया है. जानकारी के अनुसार जुलाई में हाथी महादेवी के कोल्हापुर के एक मंदिर से वनतारा स्थानांतरण के बाद उपजे विवाद के मद्देनजर PIL दायर किये गये हैं.
SIT में शामिल किये गये सदस्यों की बात करें तो इसमें पूर्व उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राघवेंद्र चौहान, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले और अतिरिक्त आयुक्त कस्टम्स अनीश गुप्ता को शामिल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने SIT को वनतारा का भौतिक सत्यापन और निरीक्षण करने का निर्देश देते हुए गुजरात के वन विभाग के सचिव को SIT को पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करने को कहा है.
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