Angada : अनगड़ा प्रखंड के बरवादाग पंचायत स्थित पहाड़ सिंह गांव के एक बिरहोर दंपती अपने एक बच्चे के साथ 26 दिनों से लापता है. लेकिन अब तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है. बिरहोर दंपती की दो बेटियां घर पर अपने माता-पिता की राह देख रहे हैं. इतने दिनों से घर नहीं लौटने पर उनके छोटी-छोटी बच्चियों (एक तीन साल और एक पांच साल) का रो-रो कर बुरा हाल है. इनको देखने वाला भी कोई नहीं है. अनाज नहीं होने की वजह से बिरहोर दंपती की दोनों बच्चियां काफी दिनों से भूखी थी. इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने पीडीएस दुकान से चावल उपलब्ध कराया. इसके बावजूद कई बुनियादी चीजों के अभाव से बच्चियां जूझ रही है. ग्रामीणों ने प्रशासन से बिरहोर दंपती को ढूढ़ने और बच्चियों की सहायता करने की मांग की है. (पढ़ें, हजारीबाग : बानादाग पहाड़ी के निकट खेतों में बहाया जा रहा मानव मल)
बच्चियों को भेजा गया चाइल्ड होम केयर
खबर चलने के बाद अनगड़ा थानेदार दिलेश्वर कुमार ने बुधवार दोपहर दोनों बच्चियों को चाइल्ड होम केयर रांची भेज दिया. थानेदार ने पहले दोनों को भोजन कराया. इसके बाद स्वास्थ्य चेकअप कराया गया. फिर नया कपड़ा देकर दोनों चाइल्ड होम भेज दिया.
इसे भी पढ़ें : Asian Games : भारत की बेटियों का जलवा, निशानेबाजी में पांचवां गोल्ड मेडल दिलाया
प्रशासन से दंपती को ढूढ़ने और बच्चियों की सहायता करने की मांग
स्थानीय लोगों ने बताया कि बिरहोर दंपती एक सितंबर को अपने एक बच्चे के साथ दोना-पत्तल व दातुन बेचने ट्रेन से रांची जाने के लिए निकले थे. लेकिन आज तक तीनों घर नहीं लौटे. स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि वन विभाग के अधिकारियों ने वन उत्पाद बेचने के आरोप में पकड़ कर उन्हें जेल भेज दिया होगा. या फिर वो किसी दुर्घटना के शिकार हो गये होंगे. बताया कि जानकारी के अभाव में इतने दिनों से थाना में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी है. गौरतलब है कि बिरहोर आदिम जन जाति तेजी से विलुप्त हो रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : BIG NEWS : रांची के पंडरा में अपराधियों ने युवक ने सिर में मारी गोली, रिम्स में भर्ती