Ranchi : सामाजिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की हत्या को लेकर आदिवासी समाज आक्रोश में है. बुधवार को कचहरी स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम के सामने आदिवासी समाज के प्रतिनिधि संग समाज के लोग एकजुट हुए. यहां से पैदल कैंडल मार्च करते हुए अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे. जहां पर उन्हें श्रद्दधाजलि दी गई.
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि विधायक प्रत्याशी सूर्या हांसदा हत्या को पुलिस एनकाउंटर बताकर समाज को गुमराह कर रहा है. झारखंड में आदिवासी नेताओं की चुन चुनकर हत्या की जा रही है. आदिवासी समाज के अगुवा अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे है. एक-एक कर आदिवासी समाज के अगुवाओं को निशाना बनाया जा रहा है.
सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या सोची समझी है : निशा भगत
सामाजिक कार्याकर्ता निशा भगत ने कहा कि सूर्या हांसदा ने हमेशा हक और अधिकार की लड़ाई लड़ता रहा है. उनकी हत्या को एनकाउंटर का नाम दिया जा रहा है, जो सोची-समझी रणनीति है. उन्होंने मांग की कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके.
आदिवासी आंदोलन को दबाने की हो रही कोशिश
जय आदिवासी केद्र परिषद के अध्यक्ष निरंजना हेरेंज ने कहा कि सूर्य हांसदा की हत्या जानबूझकर की गई है. यह आदिवासी समाज के आंदोलन को दबाने की कोशिश है. कांके सरना समिति के अध्यक्ष डबलु मुंडा ने कहा कि सूर्या हांसदा आदिवासी समाज के उभरते हुए नेता थे.
पुलिस-प्रशासन हत्या को एनकाउंटर का रूप देने की कोशिश कर रहा है, जबकि सच्चाई को दबाने का प्रयास कर रही है. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. वक्ताओं ने कोर्ट से भी न्याय की गुहार लगाने की बात कही गई.
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