Ranchi : भगवान बिरसा जैविक उद्यान में शनिवार को वन्य प्राणियों के रख रखाव और स्वास्थ्य संबंधी एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ बिरसा जैविक उद्यान के निदेशक वाई के दास ने दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम में विभिन्न चिड़िया घरों से प्रशिक्षक ने बिरसा जैविक उद्यान के कर्मियों को प्रशिक्षण देने आये थे.
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बिरसा जैविक उद्यान देश के टॉप 10 में शामिल
वाई के दास ने कहा कि पशु पालक का उद्यान में काफी अहम योगदान होता है. पशु पालक के रखरखाव के कारण चिड़िया घरों में जानवर स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं. वहीं बिरसा जैविक उद्यान के निदेशक ने उद्यान के कर्मियों से कहा कि सभी पशु पालकों के अथक प्रयासों के कारण ही बिरसा जैविक उद्यान देश के टॉप 10 पर पहुंच गया है.
उद्यान के सभी कर्मियों चाहे वो महिला हो या पुरुष सभी को अपने कार्यों में निपुण होने की जरूरत है. उन्होंने निर्देश दिया कि यदि जानवरों को किसी तरह की समस्या होती है तो तुरंत इसकी जानकारी अपने सीनियर को दें. ताकि जानवरों को सुरक्षित रखा जा सके.
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कांटे से मछली मारने की होनी चाहिए व्यवस्था
प्रशिक्षण के लिए आये एके सिंह ने उद्यान के पशु पालकों से कहा कि उद्यान के जानवरों को बेहतर रखरखाव जरूरी है. उद्यान में जानवरों को अनुकूलित वातावरण भी देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि उद्यान में मछली पालन भी किया जा सकता है. सैलानियों के लिए मछली कांटे से मारने की व्यवस्था की जाये. इससे उद्यान और सरकार का रेवेन्यू बढ़ाया जा सकता है.
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कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
प्रशिक्षम कार्यक्रम में डॉ प्रवीण कुमार, डॉ मानिक पालीक, डॉ गौतम चकर्वेदि, डॉक्टर ओम प्रकाश साहू और रेंजर राम चंद्र पासवान शामिल थे. इसके साथ ही कार्यक्रम में राम लखन पासवान, ब्रजेंद्र सिंह,राकेश कुमार अवस्थी, नरेश कुमार, मछुआ अरुण कुमार साहू सहित अन्य वन कर्मी मौजूद थे.
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