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शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी न हो, इसके लिए कोलकाता में घूम-घूम कर जुगाड़ में जुटे हैं रांची के आरिफ

Vinit Upadhyay

Ranchi: कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है. हर कोई अपनी जान सुरक्षित करने और अपने करीबियों की सलामती के लिए सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य जरूरी एहतियात बरत रहा है. पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी हो गई है. इसके लिए अफरा-तफरी मची हुई है. रांची में भी ऑक्सीजन की मांग एकाएक बढ़ गई है. राजधानी में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी न हो, इसकी कोशिश में रांची का एक युवा दिन-रात लगा हुआ है. रांची के रहने वाले आरिफ नासिर बट्ट पिछले लगभग एक सप्ताह से कोलकाता में हैं.

रमजान के महीने में परिवार से दूर लोगों की सेवा में जुटे हैं

रमजान के महीने में अपने परिवार से दूर वो इस गंभीर संकट के समय भी लोगों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतज़ाम करने के लिए दिन-रात कोलकाता की गलियों में घूम रहे हैं. कोलकाता और इसके आसपास के इलाकों की गलियों में दिनभर घूम-घूमकर आरिफ ऑक्सीजन सिलेंडर का जुगाड़ करते हैं और उसके बाद भाड़े पर गाड़ियां लेकर उसे रांची समेत झारखंड के अन्य जिलों  के जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इस काम के लिए आरिफ ने अब तक अपनी जेब से लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं. उनकी इस सेवा भावना को देखने और इस बात की जानकारी मिलने के बाद रांची, सिमडेगा, बोकारो, धनबाद और गया समेत राज्य के कुछ विधायकों ने भी उनसे संपर्क कर सिलेंडर मंगवाया, जिससे कई लोगों की जान बच पाई है.

अबतक 200 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर भेज चुके हैं

आरिफ अब तक 200 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर झारखंड भेज चुके हैं. आरिफ के इस जज्बे को देखकर वैसे लोगों को सबक लेने की जरूरत है, जो इस आपदा में भी जरूरी चीज़ों की कालाबाज़ारी करने और किसी मजबूर व्यक्ति का फायदा उठाने में पीछे नहीं हट रहे. आरिफ ने लोगों से अपील की है कि जिस व्यक्ति की ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत खत्म हो गयी है, वो बेवजह इसे अपने पास न रखें बल्कि सिलेंडर का काम खत्म होने के बाद स्वेच्छा से इसे अस्पताल प्रबंधन या जिला प्रशासन को वापस कर दें ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.