खान पहुंचे चीन, उगला जहर, कहा, मोदी फासीवादी, कश्मीर में जनमत कराया जाये
कानून की वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका खारिज
इस क्रम में पीठ ने कानून की वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका खारिज कर दी. बता दें कि असम में सरकार संचालित लगभग 683 मदरसे हैं. बता दें कि 2021 में 13 व्यक्तियों की ओर से याचिका दायर की गयी थी. याचिका के माध्यम से असम सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गयी थी, जिसके तहत सरकार द्वारा वित्त पोषित मदरसों को सामान्य स्कूलों में बदला जाना था. अदालत ने 27 जनवरी को सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था, जिसे कल शुक्रवार को जारी किया गया. इसे भी पढ़ें : समाजवादी">https://lagatar.in/allegations-of-samajwadi-party-bjps-conspiracy-to-attack-owaisi-motive-of-polarization-of-votes/">समाजवादीपार्टी का आरोप, ओवैसी पर हमला भाजपा की साजिश, वोटों का ध्रुवीकरण मकसद
सरकारी मदरसों को बंद करने से जुड़ा विधेयक विधानसभा में पेश
खबरों के अनुसार असम सरकार ने एक अप्रैल 2021 से राज्य में सभी सरकारी मदरसों को बंद करने और उन्हें स्कूलों में बदलने से जुड़ा एक विधेयक विधानसभा में पेश किया था. इस विधेयक में असम मदरसा शिक्षा (प्रांतीयकरण) कानून 1995 और असम मदरसा शिक्षा (कर्मचारियों की सेवा का प्रांतीयकरण और मदरसा शिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन) कानून, 2018 को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है. विधेयक में यह प्रावधान है कि प्रदेश के सभी मदरसे उच्च प्राथमिक, उच्च और माध्यमिक स्कूलों में बदले जायेंगे. जान लें कि असम सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं होगा और यह पहले की तरह जारी रहेगा. इसे भी पढ़ें : जम्मू">https://lagatar.in/jammu-and-kashmir-journalist-fahad-shah-arrested-accused-of-posting-in-support-of-terrorists/">जम्मू– कश्मीर : पत्रकार फहाद शाह गिरफ्तार, आतंकियों के समर्थन में पोस्ट करने का है आरोप

Leave a Comment