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22 जुलाई को हुआ था किराया निर्धारण
शहर में नए ऑटो किराया निर्धारण की बैठक बीते 22 जुलाई में हुई थी. अभी सितंबर का महीना चल रहा है. लेकिन डेढ़ महीनें में न ऑटो में नए किराए का चार्ट लगा और न ही चालकों ने बैठक में निर्धारित की गयी वर्दी ही पहनी. कोई रूट निर्धारित नहीं है. स्थिति यहां है कि धूर्वा से कचहरी का किराया 60 से 70 रुपये लिये जा रहे हैं. इतना ही नहीं हिनू से बूटी मोड़ तक जाने के लिए सवारियों को 70 से 80 रुपए देने पड़ रहे हैं. कमोवेश अन्य सभी रूटों का यही हाल है. इसे भी पढ़ें -टाटा">https://lagatar.in/tata-motors-workers-union-will-bid-farewell-to-retired-employees-after-three-months/">टाटामोटर्स वर्कर्स यूनियन तीन महीने बाद कल सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देगा विदाई
मामले पर ट्रैफिक पुलिस गंभीर नहीं
परिवहन (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ) से लेकर डीजल और पेट्रोल महासंघ के पदाधिकारियों से पूछे जाने पर एक दूसरे पर आरोप लगाकर पल्ला झाड़ रहे हैं. बैठक में शामिल होने वाले भी आश्चर्यजनक रूप से खामोश हैं. परिवहन अधिकारी निरंजन कुमार कहते हैं कि ऑटो में किराया चार्ट चिपकाने की जिम्मेवारी ऑटो संगठनों की हैं. वहीं ऑटो चालक महासंघ और अन्य संगठन इसे प्रशासन की जिम्मेवारी कह पल्ला झाड़ रहे हैं. हालांकि इस मामले पर सख्ती करने के लिए प्रशासन ने ट्रैफिक पुलिस को लगाने की बात कही थी. इस बात के भी एक महीने से अधिक बीत चुका है. कहीं से कोई नियंत्रण नहीं देख ऑटो चालक और बेलगाम हो रहे हैं. इसे भी पढ़ें -छठे">https://lagatar.in/even-on-the-sixth-day-the-last-location-in-kolabira-was-missing-not-the-whereabouts-of-mahendra-agarwal-and-his-employee/">छठेदिन भी ग़ायब महेंद्र अग्रवाल और उनके कर्मचारी का पता नहीं, कोलाबीरा में था लास्ट लोकेशन