Ranchi : विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का शुभारंभ आज आईपीएच ऑडिटोरियम, नामकुम में हुआ. यह कार्यक्रम 10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक पूरे राज्य में आयोजित किया जाएगा.
कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं.
नकारात्मक सोच और तनाव लोगों के जीवन का हिस्सा बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि लोग अपने विचारों को सकारात्मक रखें तो उनके आस-पास का माहौल भी सकारात्मक बनेगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक तंबाकू खाने वाला व्यक्ति अगर अपने खर्च का हिसाब लगाए तो वह उस पैसे से एक घर बना सकता है.
श्री झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष रूप से कार्य कर रहा है. सभी जिलों में मानसिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं और डॉक्टर व काउंसलर की नियुक्ति की जा रही है.
स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि आज समाज में लोगों का आपसी जुड़ाव कम हो रहा है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अन्य बीमारियां जैसे टीबी और मलेरिया पर नियंत्रण पाया जा रहा है, लेकिन मानसिक बीमारियों में वृद्धि हो रही है. अब मेडिकल, मेंटल और सोशल वेलनेस पर एक साथ काम करने की आवश्यकता है.
कार्यक्रम के स्वागत भाषण में डॉ अश्विनी कुमार ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दे रहा है. डॉ प्रीथा राय, साइकियाट्रिस्ट टेली मानस, ने कहा कि कार्यस्थल पर ऐसा वातावरण बनाना जरूरी है जिससे तनाव और बर्नआउट से बचा जा सके.
मेंटल हेल्थ कंसलटेंट शांतना ने बताया कि दुनिया की लगभग 15 प्रतिशत आबादी किसी न किसी मानसिक विकार से ग्रसित है. लोगों के बीच संवाद की कमी और अकेलेपन की प्रवृत्ति मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है.
इस अवसर पर ब्रह्मा कुमारी, डॉ मधुमिता, डॉ पी के सिंह, डॉ लाल मांझी, नोडल अधिकारी डॉ पाठक, डॉ पंकज, डॉ रणजीत सहित विभिन्न सेल के कंसल्टेंट, जिलों एवं प्रखंडों के कार्यक्रम प्रबंधक उपस्थित थे. लगभग 120 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में भाग लिया.
Awareness campaign launched in Jharkhand with increased focus on mental health
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