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बाबूलाल और रघुवर आ रहे करीब, मुंडा कब आयेंगे साथ?

Ranchi: झारखंड बीजेपी के तीन बड़े नेता बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और रघुवर दास एक ही दल में हैं, लेकिन तीनों की राहें जुदा है. पर आपसी दुश्मनी नहीं है. राजनीतिक हालात ने इन्हें एक दूसरे का बैरी बना दिया. अब अच्छी खबर ये है कि धीरे-धीरे इनते बीच की दशक पुरानी नाराजगी खत्म होने लगी है. बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास करीब आ रहे हैं. पार्टी के कार्यक्रमों और धरना-प्रदर्शनों में दोनों अब दूर-दूर नहीं रहते, एक साथ दिखाई देते हैं, लेकिन अर्जुन मुंडा अभी भी अलग-थलग हैं. बाबूलाल और रघुवर दास से उनका सामना सिर्फ पार्टी की कोर कमेटी और अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में ही होता है. इसे भी पढ़ें -जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-after-befriending-a-facebook-minor-girl-arrested-from-uttar-pradesh/">जमशेदपुर

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सरयू के अलावा बाबूलाल ने भी रघुवर को किया था डैमेज

रघुवर दास को दो नेताओं ने सबसे ज्यादा डैमेज किया है. एक सरयू राय और दूसरे बाबूलाल मरांडी. सरयू के कारण जहां रघुवर टॉफ-टीशर्ट और मैनहर्ट जैसे मामलों में कटघरे में खड़े हुए, वहीं बाबूलाल ने राज्यसभा चुनाव हार्स ट्रेडिंग मामले में रघुवर की मुश्किल बढ़ा दी, लेकिन रघुवर पुरानी बातों को भूलकर बाबूलाल के साथ संगठन को मजबूत करने के लिए सहयोग कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें -8">https://lagatar.in/5-registrars-changed-in-8-years-but-record-room-in-charge-vijay-kujur-has-been-frozen-for-10-years/">8

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सितंबर 2021 से साथ-साथ दिख रहे बाबूलाल-रघुवर

सितंबर-अक्टूबर 2021 से बाबूलाल और रघुवर दास साथ-साथ दिखाई दे रहे हैं. जमशेदपुर और रांची में हुए बीजेपी एसटी मोर्चा कार्यसमिति की बैठक में दोनों एक मंच पर दिखे. इसके बाद 10 जनवरी को बीजेपी के मानव श्रृंखला में दोनों साथ खड़े नजर आये. सिमडेगा मॉब लिंचिंग मामले को लेकर भी दोनों नेता राजभवन गये. इसके बाद 2 फरवरी को दोनों ने एक साथ बैठकर आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था पर पीएम मोदी का संबोधन सुना. इसे भी पढ़ें -टू">https://lagatar.in/jio-preparing-to-buy-25-percent-stake-in-two-platform-will-invest-15-million/">टू

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बाबूलाल, रघुवर के अलावा प्रदेश संगठन से भी कटे नजर आ रहे मुंडा

केंद्र में मंत्री पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद भी अर्जुन मुंडा झाऱखंड को पूरा समय देते हैं, लेकिन वे ज्यादा समय अपने लोकसभा क्षेत्र खूंटी के साथ-साथ जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां में दे रहे हैं. मुंडा प्रदेश में संगठन से भी कटे हुए नजर आ रहे हैं. बाबूलाल और रघुवर दास के साथ भी वे आखिरी बार अक्टूबर 2021 में एक मंच पर दिखे थे. मुंडा के संगठन से दूर होने के कई कारण माने जा रहे हैं. पहला तो पार्टी में उनके समर्थकों को दरकिनार किया जाना और दूसरा प्रदेश संगठन में उनसे ज्यादा रघुवर और बाबूलाल को तरजीह दिया जाना. इसे भी पढ़ें -इमरान">https://lagatar.in/imran-khan-reached-china-spewed-poison-said-modi-fascist-should-hold-a-public-opinion-in-kashmir/">इमरान

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