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Bahragoda: गुजरात में बंधक बनाए गए 13 श्रमिक सुरक्षित लौटे, हेमंत सोरेन की पहल ने दिलाई आजादी

श्रमिकों व उनके परिजनों के साथ पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी.

Himangshu Karan

Bahragoda: गुजरात की एक टाइल्स कंपनी में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेल रहे बंधक बनाए गए बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों के 13 प्रवासी श्रमिक शुक्रवार को सकुशल अपने घर लौट आए. पूर्व विधायक सह झामुमो के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी  मटिहाना गांव में श्रमिकों व उनके परिजनों से मिलने पहुंचे. सकुशल घर वापसी पर श्रमिकों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झामुमो के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी और जिला प्रशासन के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया.

श्रमिकों ने बताया कि कंपनी के सुपरवाइजर द्वारा उन्हें आए दिन प्रताड़ित किया जाता था और सबसे गंभीर बात यह थी कि उन्हें कंपनी परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी, जिससे वे एक तरह से बंधुआ मजदूर बन गए थे. उन्होंने किसी तरह मोबाइल पर परिजनों से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई थी. तब श्रमिकों के परिजनों ने बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और झामुमो के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी से मुलाकात की और मदद मांगी. श्री षाड़ंगी ने इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल पहल करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले से अवगत कराया. हेमंत सोरेन ने गुजरात सरकार से संपर्क साधा और सभी 13 प्रवासी श्रमिकों को मुक्त कराकर सुरक्षित उनके घर वापस भेजने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री के इस प्रभावी हस्तक्षेप के बाद, बंधक बने ये सभी श्रमिक शुक्रवार को सुरक्षित अपने घर लौट आए.

इस मौके पर लौटे प्रवासी श्रमिकों में दासो टुडू, सुनील बेसरा, विकास मुंडा, राजू मुंडा, गुना हांसदा, शिव सिंह, दूला हांसदा, स्वपन पातर, सोमू पातर, आशीष नायक, खखन पातर, जोगी मुंडा व बुद्धदेव मुंडा सहित राहुल बाजपेई, बुद्धदेव साहू तथा श्रमिकों के परिजन उपस्थित थे.

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