Himangshu Karan
Bahragoda: एक समय सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा भारत कल्याण मंडप इन दिनों उपेक्षा का शिकार होकर अपना अस्तित्व खो रहा है. प्रखंड क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी विश्रामालय के निकट स्थित यह मंडप घनी झाड़ियों से घिर गया है, और उचित रखरखाव के अभाव में इसकी हालत बद से बदतर होती जा रही है.
टूटने लगे हैं भवन के अवशेष
वर्ष 2009 में 11 जून को उद्घाटन हुए इस भवन का निर्माण राज्यसभा सांसद डॉ. एस एस अहलुवालिया के कार्यकाल में सांसद निधि से हुआ था. लेकिन अब आलम यह है कि भवन की खिड़कियों के शीशे और छत के छज्जे धीरे-धीरे टूट रहे हैं. भवन का ढांचा जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गया है, जिससे मंडप के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
स्थानीय ग्रामीणों में रोष
स्थानीय ग्रामीणों ने इस स्थिति पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है. उनका कहना है कि संबंधित विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण भवन की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं. ग्रामीणों की आशंका है कि यदि जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो मंडप के बचे हुए अवशेष भी समाप्त हो जाएंगे.
कार्यक्रमों का होना हुआ बंद
एक समय था जब इस मंडप में नियमित रूप से सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित होते थे, जिससे क्षेत्र में मेल-जोल और जागरुकता बनी रहती थी. अब भवन में उपयुक्त व्यवस्था और सुविधाओं के अभाव के कारण, फिलहाल इसमें कोई भी कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस ऐतिहासिक मंडप के जीर्णोद्धार और उचित रखरखाव की दिशा में तुरंत कदम उठाने की मांग की है, ताकि यह भवन फिर से क्षेत्र की गतिविधियों का केंद्र बन सके.
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