Bandgaon (A K Tiwari) : बंदगांव थाना परिसर में रविवार को मुंडा-मानकी की एक बैठक थाना प्रभारी विकास कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई. इसमें मुख्य रूप से सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अजय शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे. बैठक को संबोधित करते हुए थाना प्रभारी विकास कुमार ने कहा कि अफीम धीरे-धीरे आदिवासी समाज को खोखला करता जा रहा है. इससे समाज को बचाना जरूरी है. उन्होंने अफीम की खेती के कानूनी पहलुओं की जानकारी मुंडा-मानकी को दी. उन्होंने कहा लगभग 200 से ज्यादा लोग अब भी अफीम के मामलों में जेल में बंद हैं. अफीम की खेती और कारोबार करने वालों को एक साल तक जेल में रहना पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट भी बेल नहीं देती.
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लेमनग्रास की खेती पर दिया जोर
बैठक में एसडब्लूएस के अध्यक्ष ने कहा कि अफीम की खेती के कई विकल्प हैं. उन्होंने हुए कहा कि ड्रेगन फ्रूट की खेती एक बार खर्चीली जरूर है, लेकिन डेढ़ से दो एकड़ में खेती कर 25 सालों तक हर महीने 40 से 50 हजार रूपये की अमदनी की जा सकती है. इसी तरह पहाड़ी इलाकों में स्वीट कॉर्न, गेंदा फुल, जेरेनियम, लेमनग्रास आदि की खेती भी संभव है. उन्होंने बंदगांव प्रखंड की भौगोलिक स्थिति के अनुसार लेमनग्रास की खेती पर जोर दिया. कहा कि बंदगांव में बहुत सारे मरचा और बंजर भूमि बेकार पड़े हैं. कारण है सिंचाई की सुविधा नहीं होना. ऐसी भूमि की झाड़ियों की सफाई कर लेमनग्रास की खेती की सहजता से की जा सकती है. उन्होंने लेमनग्रास से तेल निकालने और इसके बाजार के संबंध में भी जानकारी दी.
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बैठक में यह रहे शामिल
बैठक में इग्नेश पुर्ती, लाका मुंडा, रामलाल मुंडू, मोसो हस्सा पुर्ती, दरगा पुर्ती, पांडा गंझू, बिरसा पुर्ती, चुनिया पुर्ती, गोपाल मुंडरी, सुखराम मुंडा समेत 40 गांवों के मुंडा-मानकी शामिल हुए.