Ranchi: 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाएगी. इस दिन को सम्पूर्ण भारत वर्ष मे जनजातीय गौरव दिवस के रूप में भी मनाया जाएगा. गुरूवार को बरियातु स्थित आरोग्य भवन में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किए गए.
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा. झारखंड के वीर क्रांति सिद्धो-कान्हु,तिलका मांझी, नीलाम्बर-पीताम्बर, मामा टंट्या भील, भीमा नायक, वीरांगना सिनगी दई जैसे अनेकों वीर योद्धाओं को भी याद किया जाएगा.
बिरसा मुण्डा ने अंग्रेजों से गुलाम भारत को स्वतंत्रता दिलाया. अंग्रेज जनजाति समाज की धर्म-संस्कृति एवं परम्परा को नष्ट करने का षड्यंत्र रच रहे थे. उसके खिलाफ भी भगवान बिरसा मुण्डा ने आवाज उठायी.
भारत को स्वतंत्र कराने में भगवान बिरसा मुंडा का बहुत बड़ा संघर्ष किया
जनजाति समाज की इस गौरव गाथा को इतिहास के पन्ने में स्थान नहीं दिया गया. अंग्रेजों ने आदिवासी समाज के बीच षड्यंत्र रचा. इस समाज को क्रिमिनल और गरीब के तौर पर प्रस्तुत किया गया.
जनजाति समाज की वीरता, गौरवशाली परम्परा को दर किनार किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस घोषित किए. भारत के स्वाधीनता के लिए बलिदानी जनजातीय महापुरुषों को सम्मान प्रदान किया.
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं वर्षगांठ में राज्यपाल होंगे मुख्य अतिथि
मोरहाबादी मैदान स्थित डॉ रामदयाल मुंडा फुटबॉल मैदान में धरती आबा बिरसा मुण्डा की 150वीं वर्षगाठ है. इसे भारत सरकार द्वारा जनजाति गौरव वर्ष घोषित किया गया है. इस दिवस को सभी आदिवासी समाज ने एकजुट होकर गौरव दिवस को मनाने का निर्णय लिया है.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष गंगवार शामिल होंगे. इसमें लोकनृत्य और लोक कलाओं की प्रस्तुति होगी. मैदान को आदिवासी महापुरुषों के कटाआउट से संवारा जायेगा.
मौके पर जगलाल पाहन, बबलु मुण्डा, अशोक मुण्डा, मेघा उरांव, सोमा उरांव, बुधराम बेदिया, लुथरू उरांव, नकुल तिर्की, प्रदीप लकड़ा, बिरसा पाहन,बालेश्वर पाहन,रघु मुण्डा,सत्यदेव मुण्डा समेत अन्य शामिल थे.
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