31 साल के बाद स्वास्थ्य विभाग को पता चला कि प्रेम साहू की नियुक्ति और प्रोन्नति दोनों है अवैध
स्वास्थ्य निदेशालय ने जारी किया आदेश, हजारीबाग में फर्जी ढंग से नियुक्ति पर करें कार्रवाई
हैंडओवर करने के नाम पर कार्यालय खोलकर दस्तावेज के साथ किया जा रहा था छेड़छाड़
Gaurav Prakash
Hazaribagh : चिकित्सा विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक कार्यालय उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में पदस्थापित लिपिक प्रेम साहू की नियुक्ति फर्जी तरीके से हुई है. यही नहीं फोर्थ ग्रेड से उसकी लिपिक पद पर प्रोन्नति भी फर्जी पायी गई. जांच प्रतिवेदन में नियमितीकरण एवं प्रोन्नति नियमानुसार नहीं करते हुए बड़ा गड़बड़झाला किया गया है. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब जांच के बाद स्वास्थ्य निदेशालय रांची कार्यालय से निदेशक ने चिट्ठी जारी की.
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क्या है पूरा माजरा
वर्ष 1992 में चतरा डीसी ने चालक के पद पर प्रेम साहू को नियुक्त किया था. समय बीतने के बाद उसकी प्रोन्नति लिपिक पद पर हो गई. हजारीबाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक कार्यालय में वह अपनी सेवा दे रहा था. उसके बाद उसका तबादला केरेडारी कर दिया गया. वहां उसने योगदान भी नहीं दिया. इसी दौरान उसकी नियुक्ति की जांच की जा रही थी. जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि उसकी नियुक्ति अवैध रूप से हुई है, अर्थात फर्जी ढंग से वह अपनी सेवा दे रहा था. 31 साल के बाद स्वास्थ्य विभाग को यह पता चला है कि प्रेम साहू की नियुक्ति फर्जी ढंग से हुई है. अब उसके खिलाफ “प्रपत्र क” गठित करने का आदेश निदेशालय से निर्गत किया गया है. पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रेम साहू के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के भीतर इसकी जानकारी विभाग को दी जाए.
सिविल सर्जन कार्यालय में मचा हड़कंप
लिपिक प्रेम साहू के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश निर्गत होने पर पूरे सिविल सर्जन कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है और तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. लेकिन कोई भी व्यक्ति उसके बारे में खुलकर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं कर रहा है. वहीं अपना नाम नहीं बताने पर सिविल सर्जन कार्यालय के एक कर्मी ने बताया कि उसे प्रतिबंधित संगठन टीपीसी से भी फोन आया है कि इस मामले को तूल नहीं दिया जाए. वहीं उन्होंने यह भी कहा आरोपी कोयले के अवैध तस्करी में भी संलिप्त है.
बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी : सिविल सर्जन
हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी सिंह ने इस बाबत जानकारी दी है कि पूरे मामले की जांच की गई है. जांच के दौरान स्पष्ट हो गया है कि प्रेम साहू फर्जी ढंग से नौकरी कर रहा था. अब उसे बर्खास्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी. सिविल सर्जन कार्यालय उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अब भी वह फरार चल रहा है. हजारीबाग से उसे विरमित कर केरेडारी भेजा गया था. लेकिन उसने हजारीबाग का चार्ज भी हैंडओवर नहीं किया है और न ही केरेडारी में उसने पदभार लिया है. सिविल सर्जन कार्यालय की नजर में वह फरार चल रहा है. अब उस पर नकेल कसी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी लिपिक के खिलाफ ” प्रपत्र क” गठित कर दिया गया है. विभाग के आदेश के आलोक में बर्खास्तगी का आदेश निर्गत किया जाएगा.
आरोपी लिपिक ने हाइकोर्ट में लगाई है गुहार
आरोपी लिपिक प्रेम साहू ने झारखंड हाइकोर्ट में अपने खिलाफ कार्रवाई को लेकर गुहार लगाई है. प्रेम साहू ने जानकारी दी कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि चतुर्थ ग्रेड चालक से प्रोन्नति लिपिक में की गई थी. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाए, कोर्ट ने वर्तमान में उसे लिपिक पद पर ही रहने का आदेश दिया है. वहीं प्रेम साहू ने अपनी नियुक्ति और प्रोन्नति दोनों मामले को लेकर कोर्ट में केस दर्ज कराया है.
‘शुभम संदेश’ की पड़ताल में हुआ दस्तावेज से छेड़छाड़ का खुलासा, दफ्तर में बैठ आरोपी खंगाल रहा था कागज
जब ‘शुभम संदेश’ ने खबर पर तफ्तीश करनी शुरू की, तो पाया कि प्रेम साहू क्षेत्रीय उप निदेशक कार्यालय उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के दफ्तर में बैठकर कागज के साथ छेड़छाड़ कर रहा था. उनके साथ सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी भी उस वक्त उपस्थित थे. उसमें लिपिक राजकुमार साहू भी शामिल थे.
राजकीय शोक में भी खुला था आरडीडी कार्यालय, उठे कई सवाल
महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखंड सरकार के मंत्री जगरनाथ महतो का निधन हो जाने के बाद आज पूरे राज्यभर में सरकारी दफ्तर बंद करने का आदेश जारी किया गया है. सिविल सर्जन कार्यालय आज बंद रहा. लेकिन क्षेत्रीय उप निदेशक उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल कार्यालय खोलकर दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ करते हुए नजर आए. ऐसे में कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. यह भी बात चर्चा में है कि आखिर सरकारी दफ्तर सरकारी आदेश की भी अनदेखी कर खोल कर रखा गया.
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