Ranchi: पूर्व डीजीपी डी के पांडे की पत्नी पूनम पांडे को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाईकोर्ट ने कांके के चामा मौजा स्थित उनकी जमीन की जमाबंदी से संबंधित मामले में किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने भू-राजस्व विभाग के प्रधान सचिव और रांची डीसी को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.
जमीन के मामले में किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन के मामले में किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आदेश दिया है कि फिलहाल उनके आवास और भूमि में बने निर्माण पर किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं की जाये. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायधीश जस्टिस केपी देव की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूनम पांडेय की ज़मीन की पूरी जानकारी एफिडेविट के माध्यम से सरकार से मांगी है. इस मामले की सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.झारखंड हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता आर एस मजूमदार पूनम पांडे की तरफ से हाईकोर्ट में पक्ष रखा.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है
झारखंड के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. पूनम पांडेय ने कांके के चामा मौजा में खरीदी गयी जमीन की जमाबंदी रद्द करने के नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. कांके अंचल के चामा मौजा में पूनम पांडेय ने 50 डिसमिल जमीन खरीदी है और इस ज़मीन से संबंधित मामले में कांके के अंचलाधिकारी की ओर से नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है. इस नोटिस को चुनौती देते हुए अदालत से नोटिस रद्द करने की मांग प्रार्थी ने की है.