Patna : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आज शनिवार को चुनाव आयोग ने बिहार के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव आयोग को दिये. साथ ही अपनी मांगें चुनाव आयोग के समक्ष रखी. खबरों के अनुसार भाजपा ने चुनाव आयोग के सामने 16 सूत्री मांग और सुझाव रखे.
VIDEO | Patna: Bihar BJP president Dilip Jaiswal, after a meeting with the Election Commission, says, "...We have given several important suggestions. Elections in the state should be held in one or two phases. Central forces must be deployed across Bihar, especially in the Diara… pic.twitter.com/iUO0I9gRJa
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CEC Gyanesh Kumar led-delegation review poll preparations for upcoming Bihar elections
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#WATCH | Patna, Bihar: On meeting with Chief Election Commissioner, JD(U) Bihar president Umesh Singh Kushwaha says, "Our party has suggested that the elections should be held in a single phase. To allow voters arriving from outside during Chhath Parv to cast their votes, the… pic.twitter.com/FOzw78RU57
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बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि भाजपा ने एक या दो चरणों में चुनाव कराने की मांग की है. भाजपा ने इस दौरान मतदाता सूची की तैयारी पारदर्शी एवं बेहतर तरीके से करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग को बधाई दी.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे बिहार में, खासकर दियारा इलाकों में, जहाँ बूथ कैप्चरिंग की घटनाएँ होती हैं, केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए. हमने यह भी सुझाव दिया है कि मतदान से 24 घंटे पहले एक एसएमएस रिमाइंडर भेजा जाए. भाजपा ने राज्य में जल्द चुनाव कराने का भी आग्रह किया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ हुई मीटिंग के बाद जदयू बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा, हमारी पार्टी ने सुझाव दिया है कि चुनाव एक ही चरण में कराये जाने चाहिए. छठ पर्व के दौरान बाहर से आने वाले मतदाताओं को वोट डालने की सुविधा देने के लिए, चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद आयोजित किये जाने चाहिए.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के प्रतिनिधि कुमार परवेज़ ने कहा कि हमारी माग यह थी कि चुनाव आयोग अंतिम एसआईआर सूची को स्पष्ट करे. हमने आग्रह किया कि चुनाव आयोग उन 366,000 मतदाताओं का विवरण प्रकाशित करे जिनके नाम हटा दिये गये थे, जिसमें हटाने के कारण और आधार भी शामिल हों.
हमारी दूसरी मांग नये मतदाताओं से संबंधित थी, जिन्हें जोड़ा गया है. हमने चुनाव आयोग से गलत तरीके से हटाये गये नामों, आपत्ति दर्ज कराने वाले व्यक्तियों और जोड़े गए नामों की संख्या की पहचान करने को भी कहा.
बैठक में भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों समेत 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. लेकिन इस मीटिंग में जीतन राम मांझी की HAM, मुकेश सहनी की वीआईपी और उपेंद्र कुशवाहा की RLM को नहीं बुलाया गया था. सूत्रों के अनुसार चुनाव की घोषणा दो-चार दिनों में हो सकती है.
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