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हर 15 दिनों पर डीएम और एसपी शराबबंदी की समीक्षा करेंगे
मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को लेकर सभी मंत्रियों, जिलों के प्रभारी सचिवों और डीएम-एसपी के साथ 11 बजे से शाम छह बजे यानी सात घंटे तक समीक्षा बैठक की और हर जिले की जानकारी ली और कई दिशा-निर्देश दिये. बैठक के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि चौकीदारों को गांवों में शराब के धंधे की सूचना थाने को देनी होगी. शराबबंदी में लापरवाही बरतने वाले थानेदारों को अगले दस सालों तक थाने में ड्यूटी नहीं दी जाएगी. अगर उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें बर्खास्त करने तक की कार्रवाई की जायेगी. हर 15 दिनों पर डीएम और एसपी शराबबंदी की समीक्षा करेंगे. डीजीपी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, उत्पाद आयुक्त और आईजी मद्य निषेध हर दूसरे दिन समीक्षा करेंगे। 26 नवंबर को मद्य निषेध दिवस के दिन सभी मंत्री, जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और कर्मी शराब नहीं पीने और किसी को नहीं पीने देने की फिर से शपथ लेंगे.
इंटेलीजेंस को और प्रभावी बनाया जायेगा
डीजीपी ने कहा कि अपराध नियंत्रण की पहली जवाबदेही को ठीक ढंग से निभाते हुए पुलिस शराबबंदी को भी प्रभावी ढंग से लागू करेगी. किसी भी स्तर से कानून को प्रभावी रूप से लागू करने में व्यवधान होता है तो संबंधित कर्मी और व्यक्ति पर कार्रवाई होगी. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि जिन थानों में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है उनकी पहचान कर अध्ययन किया जायेगा. लापरवाही साबित होने पर उनपर कार्रवाई होगी. सीमावर्ती इलाके में शराब की तस्करी का जो रूट है. उस पर विशेष निगरानी होगी और संबंधित इलाके को सील किया जाएगा. कॉल सेंटर पर सूचना मिलती है तो तत्काल कार्रवाई होगी. इंटेलीजेंस को और प्रभावी बनाया जाएगा. इसे भी पढें - केंद्र">https://lagatar.in/central-government-is-giving-10-thousand-solar-power-pumps-to-the-women-of-jharkhand-will-help-in-farming/">केंद्रसरकार झारखंड की महिलाओं को दे रही 10 हजार सौर ऊर्जा पंप, खेती में मिलेगी मदद
होम डिलीवरी पर पैनी नजर, चौकीदार को सूचना देनी होगी
होम डिलीवरी पर पुलिस और संबंधित पदाधिकारियों की पैनी नजर होगी. होम डिलीवरी करने वालों की पहचान कर उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही डिलीवरी के लिए प्रेरित करने वाले और उनतक शराब कैसे पहुंचती है, इसकी तहकीकात कर सभी पर कानूनी कार्रवाई होगी. गांवों में शराब की बिक्री और इसके धंधे की सूचना देने की बुनियादी जिम्मेदारी चौकीदारों और दफादारों की होगी. वे संबंधित थाने को शराब की सूचना देंगे. अगर, इस कार्य में वे कोताही बरतते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. गृह सचिव ने कहा है कि सरकारी पदाधिकारी और कर्मचारी के स्तर पर शराबबंदी कानून का उल्लंघन किया जाता है तो उन्हें किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा. कड़ी-से-कड़ी सजा उन्हें दी जाएगी. प्रभारी मंत्रियों को भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सरकार के निर्देशों को अपने स्तर पर भी नीचे तक भेजते रहें. वहीं प्रभारी सचिव माह में कम-से-कम एक दिन जिलों में जाएंगे और शराबबंदी की भी समीक्षा करेंगे.
206 पुलिसकर्मी सेवा से बर्खास्त
डीजीपी ने कहा कि शराबबंदी कानून में कोताही बरतने पर अबतक 206 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है. इनमें तीन निरीक्षक, 30 दारोगा, 37 एएसआई, 120 सिपाही-हवालदार और नौ चौकीदार-दफादार हैं. 245 को बड़ी सजा दी गई है. इनमें हवालदार से निरीक्षक तक हैं. 324 प्राथमिकी दर्ज की गई है. 68 थानेदार डीबार किये गये हैं. पुलिस समेत सभी तरह के 238 बर्खास्त हुए हैं।
बेल कराकर फिर शराब बेचते हैं
डीजीपी ने कहा कि गोपालगंज की घटना पर तीन लोगों को 15-20 दिन पहले ही जेल भेजा गया था. ये तीनों बेल कराकर बाहर आये हैं. इनमें एक की मृत्यु भी हो गई है. यह एक बहुत बड़ी चुनौती है कि लोग पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद बेल कराकर फिर उसी काम में लिप्त होते हैं. इसी तरह के मामले कैमूर जिले में भी देखने को मिला था. पुराने केस में एक महीने के कम अवधि में बेल कराकर आये और फिर शराब बेचने का काम किया. इनके द्वारा बेची गयी शराब से लोगों की मृत्यु भी हुई.
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