New Delhi : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ इंडिया अलायंस के सांसदों ने आज शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन किया. वे हर दिन इस मामले में संसद भवन में प्रदर्शन कर रहे हैं.
#WATCH | Delhi: INDIA Bloc MPs protest against the Special Intensive Revision of electoral rolls (SIR) being carried out in Bihar pic.twitter.com/lyZaPj7EyD
— ANI (@ANI) August 1, 2025
#WATCH | Delhi: "We have open and shut proof that the Election Commission is involved in vote theft... Most importantly, whoever in the Elections Commission is involved in this exercise, right from top to bottom, we will not spare you. You are working against India and this no… pic.twitter.com/vrP5ZUZoym
— ANI (@ANI) August 1, 2025
Congress, DMK, SP, TMC, NCP, Shiv Sena (UBT), RJD, RSP wrote a letter to Lok Sabha Speaker Om Birla demanding discussion on revision of voter lists in Bihar. pic.twitter.com/N7TZe4NkBQ
— ANI (@ANI) August 1, 2025
#WATCH | Delhi: On SIR, RJD MP Manoj Jha says, "... The most serious issue right now, for the country and especially for Bihar, is the SIR. Special Intensive Revision has been transformed into Special Intensive Deletion. Despite the orders of the Supreme Court, the Election… pic.twitter.com/sBIwp55Fxx
— ANI (@ANI) August 1, 2025
डीएमके, सपा, टीएमसी, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), आरजेडी, आरएसपी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बिहार एसआईआर को लेकर कहा कि हमारे पास इस बात के खुले और ठोस सबूत हैं कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है. सबसे महत्वपूर्ण बात, चुनाव आयोग में ऊपर से नीचे तक जो भी इस काम में शामिल है, हम उन्हें बख्शेंगे नहीं.
आप(आयोग) भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं और यह देशद्रोह से कम नहीं है. आप कहीं भी हों, चाहे आप रिटायर्ड ही क्यों न हों, हम आपको ढूंढ निकालेंगे.
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि देश और खासकर बिहार के लिए इस समय सबसे गंभीर मुद्दा SIR का है.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, चुनाव आयोग इस प्रक्रिया में आधार कार्ड को शामिल नहीं कर रहा है, जो सबसे ज़्यादा पहचान पत्र है.
उन्होंने कहा कि हटाये जा रहे नामों की संख्या लोकतंत्र के लिए ख़तरा है. पता नहीं चुनाव आयोग को कौन सी स्क्रिप्ट थमा दी गयी है. हमारे चुनाव आयोग से बांग्लादेश चुनाव जैसी गंध आ रही है. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की गुंजाइश ख़त्म हो गयी है. हमने वोटबंदी जैसी कोई चीज़ पहले कभी नहीं देखी थी.
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने एसआईआर को लेकर कहा कि इससे सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठता है कि चुनाव से ठीक पहले यह कवायद क्यों की जा रही है. 60 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिये गये हैं, इसका मतलब है कि सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहती है
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