NewDelhi : संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में कश्मीर मुद्दे को लाने के लिए इस्लामाबाद को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने यह बात स्वीकार कर ली है. खबर है कि बिलावल भुट्टो ने बैकफुट पर जाते हुए भारत का जिक्र किया. पड़ोसी शब्द का इस्तेमाल करने से पहले भारत के लिए हमारा दोस्त शब्द कहा. बिलावल भुट्टो जरदारी शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे.
इस क्रम में कहा कि आपने यह भी नोट किया है कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को एजेंडे के केंद्र में लाने के लिए हमें विशेष रूप से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है . जान लें कि संयुक्त राष्ट्र के हर मंच पर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है. हालांकि अपने एजेंडे के लिए कोई समर्थन प्राप्त करने में विफल रहता है
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हमारे.. हमारे… हमारे… पड़ोसी देश, कड़ी आपत्ति जताते हैं
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा ‘और जब भी कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है, तो हमारे भीतर के दोस्त.. हमारे दोस्त… हमारे.. हमारे… हमारे… पड़ोसी देश, कड़ी आपत्ति जताते हैं, मुखर रूप से आपत्ति जताते हैं और वे एक पोस्ट-फैक्ट नैरेटिव को आगे बढ़ाते हैं जहां वे दावा करने की कोशिश करते हैं कि यह संयुक्त राष्ट्र के लिए कोई विवाद नहीं है, यह एक विवादित क्षेत्र नहीं है जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मान्यता चाहिए हो.
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अनुच्छेद 370 हटने के बाद से भारत पाक में तनाव बढ़ा
मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2019 को जम्मू/कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक आंतरिक मामला था. भारत ने पाकिस्तान को सच्चाई को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार बंद करने की भी सलाह भी दी . हालांकि भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है.
रुचिरा कंबोज ने बिलावल भुट्टो की टिप्पणी को राजनीति से प्रेरित करार दिया
याद करें कि दो दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा महिलाओं, शांति और सुरक्षा पर सुरक्षा परिषद की बहस में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाये जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान की आलोचना की थी. कहा था कि वह इस तरह के दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार का जवाब देना जरूरी नहीं समझता है. जम्मू-कश्मीर पर जरदारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने उनकी टिप्पणी को ‘निराधार और राजनीति से प्रेरित करार दिया था.
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