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बिल गेट्स ने कहा, गरीब देशों को नहीं दिया जाना चाहिए कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला, यह कोई रेसिपी नहीं है

अमेरीका और ब्रिटेन में 30 वर्ष से अधिक उम्र वालों को भी वैक्सीन मिल रही है , ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में 60 वर्ष वालों को नहीं मिल पा रही है

 Washington :  माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और विश्व के टॉप 10 अमीरो में शामिल बिल गेट्स ने कहा है कि कोविड वैक्सीन का फॉर्मूला विकासशील देशों(गरीब) को नहीं दिया जाना चाहिए.  कहा कि वैक्सीन फॉर्मूला कोई रेसिपी की तरह नहीं है कि इसे किसी के भी साथ शेयर किया जाये. बिल गेट्स ने कहा कि  इस वजह से विकासशील और गरीब देशों को कुछ समय इंतजार करना पड़ सकता है, लेकिन उन्हें वैक्सीन का फॉर्मूला नहीं मिलना चाहिए.

बिल गेट्स अमेरीकी टीवी पर इंटरव्यू दे रहे थे

बता दें कि एक अमेरीकी टीवी पर इंटरव्यू दे रहे बिल गेट्स से पूछा गया था कि क्या कोरोना की तुरंत तथा प्रभावपूर्ण तरीके से रोकथाम के लिए गरीब देशों को वैक्सीन का फॉर्मूला दिया जाना चाहिए? इस सवाल का जवाब था, नहीं.?

बिल गेट्स  ने अपने इंटरव्यू में  कहा कि भले ही पूरी दुनिया में वैक्सीन की फैक्ट्रीज स्थापित की हुई है और लोगों को अपनी सुरक्षा की चिंता हैं फिर भी दवा का फॉर्मूला नहीं दिया जाना चाहिए. कहा कि  यह एक बहुत ही कठिन काम है. उदाहरण दिया कि यूएस की एक (जॉन्सन एंड जॉन्सन) फैक्ट्री और भारत की एक फैक्ट्री में अंतर होता है. कहा कि वैक्सीन को हम अपने पैसे और अपनी एक्सपरटाइज से बनाते हैं.

टेस्टिंग करनी होती है, ट्रायल्स करने होते हैं

इस क्रम में बिल ने कहा कि वैक्सीन फॉर्मूला कोई रेसिपी की तरह नहीं है कि इसे किसी के भी साथ शेयर किया जाये.  इसके लिए बहुत अधिक सावधानी रखनी होती है, टेस्टिंग करनी होती है, ट्रायल्स करने होते हैं. वैक्सीन बनने के दौरान की हर चीज बहुत ही सावधानी से देखनी होती है.

  उन्होंने यहां तक कहा कि अमेरीका और ब्रिटेन में 30 वर्ष से अधिक उम्र वालों को भी वैक्सीन मिल रही है जबकि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में 60 वर्ष वालों को भी पर्याप्त वैक्सीन नहीं मिल पा रही हैं. हालांकि यह अनुचित है लेकिन एक बार विकसित देशों में वैक्सीनेशन का कार्य पूरा हो जाये, उसके बाद विकासशील और गरीब देशों को वैक्सीन उपलब्ध करवाई जायेगी, इसमें संभव है तीन या चार महीने का समय लग जाये.