Dhanbad : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के सभागार में मंगलवार को जन्म एवं मृत्यु निबंधन को लेकर एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डीडीसी दशरथ चंद्र दास ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र विकास की पहली कड़ी है. यह प्रमाण पत्र सभी के लिए महत्वपूर्ण है. किसी भी व्यक्ति को इसकी कभी भी आवश्यकता पड़ सकती है. इसे भी पढ़ें –
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सभी तरह की छानबीन कर लें
वही डीपीओ महेश भगत ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व सभी तरह की छानबीन कर लें. कोई भी आवश्यक जानकारी छूटनी नहीं चाहिए. इसे निर्गत करने की सभी प्रक्रियाओं का पालन होना चाहिए. यदि किसी प्रकार की परेशानी हो तो वरीय पदाधिकारी से संपर्क करें. प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र सभी पंचायत, सीएचसी, पीएचसी तथा एचएससी में बनाये जा सकते हैं. शहरी क्षेत्र के लिए नगर निगम, एसएनएमएमसीएच, नगर पंचायत, सीएचसी, पीएचसी तथा धनबाद सदर अस्पताल में बनाया जा सकता है. इसे भी पढ़ें –
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कई विषय़ों पर दिया गया प्रशिक्षण
कार्यक्रम में जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1969 के तहत 32 धाराओं के बारे में भी विस्तार से बताया गया. साथ ही निर्धारित समय अवधि, आवश्यक प्रपत्रों की जानकारी, विलंब से किए जाने वाले रजिस्ट्रेशन, सरोगेसी, एआरटी और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक द्वारा जन्मे बच्चों का रजिस्ट्रेशन, खोए हुए व्यक्तियों का मृत्यु रजिस्ट्रेशन, प्राकृतिक आपदा और विपत्तियों में मृत्यु का रजिस्ट्रेशन सहित अन्य विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया. [wpse_comments_template]
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