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भाजपा का राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप, कहा, अरुण जेटली का निधन 2019 में हुआ, कृषि कानून  2020 में आया

New Delhi :  भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा Annual Legal Conclave  में दिये गये बयान पर उन्हें कटघरे में खड़ा किया है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि  राहुल गांधी हर दिन एक नया झूठ और एक नया प्रोपेगेंडा लेकर आते हैं.

 

 

 

 

श्री ठाकुर ने कहा कि मैं राहुल गांधी को याद दिलाना चाहता हूं कि अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 को हुआ था. कृषि कानून 17 सितंबर और 20 सितंबर 2020 को लोकसभा और राज्यसभा में पारित किये गये थे.

 

 

भाजपा सांसद ने कहा कि जब बिल आया, तब तक अरुण जेटली का निधन हो चुका था. उन्होंने कहा कि  राहुल गांधी को अरुण जेटली के परिवार, भाजपा और पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. अनुराग ठाकुर ने कहा,  जब भी कांग्रेस चुनाव हारती हैं तो चुनाव आयोग, ईवीएम और चुनाव के नियमों को दोष देते हुए दुष्प्रचार शुरू कर देती है.

 

 

भाजपा सांसद ने कहा कि 2024 और 2019 के लोकसभा चुनावों में इस देश की जनता ने कांग्रेस को विपक्ष का नेता बनने का मौका भी नहीं दिया. 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 100 सीटें भी नहीं मिलीं.  राहुल गांधी को अपनी पार्टी के बारे में सोचना चाहिए.

 

 


पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के पुत्र रोहन जेटली ने एक्स पर पोस्ट कर राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा  कि राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था.  मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हो गया था. कृषि कानून 2020 में पेश किये गये थे.

 

 

 इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता के स्वभाव में किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था. वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे. अगर ऐसी कोई स्थिति आती भी, जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है, तो वह सभी के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुँचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते.

 

 

रोहन जेटली ने कहा कि वह बस ऐसे ही थे और आज भी उनकी यही विरासत है. मैं राहुल गांधी को सलाह देता   कि वे उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहें जो हमारे साथ नहीं हैं.  उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के साथ भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की थी, उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया था, जो उतना ही घटिया था.

 

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