Search

BJP ने संथाल से फूंका आंदोलन का बिगुल, सत्याग्रह के बहाने संथाल को साधने की कोशिश

Ranchi: बीजेपी ने फिर से संथाल में गतिविधियां बढ़ा दी हैं. रघुवर दास के बाद अब बाबूलाल भी संथाल में बीजेपी की पकड़ बनाने के लिए खूब पसीना बहा रहे हैं. लुईस मरांडी के नेतृत्व में दुमका में आयोजित सत्याग्रह में बाबूलाल मरांडी 2 दिन कैंप किये. वहीं 5 दिनों तक कई और दिग्गज भी लुईस मरांडी के सत्याग्रह को सफल बनाने के लिए पहुंचे. 5 दिन के इस सत्याग्रह के जरिये बीजेपी ने दुमका समेत संथाल में जोरदार उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की. बाबूलाल के अलावा राजमहल विधायक अनंत ओझा, विधायक रणधीर सिंह, अमर बाउरी, महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी और कार्यसमिति सदस्य लक्ष्मी कुमारी समेत कई पार्टी पदाधिकारी सत्याग्रह में शामिल हुए और सरकार को निशाने पर भी लिया. इसे भी पढ़ें- 6th">https://lagatar.in/6th-jpsc-constitutional-body-is-in-confusion-candidates-in-doubt-due-to-high-courts-decision-to-go-no-many-technical-hurdles-will-come/123213/">6th

JPSC : कंफ्यूजन में है संवैधानिक संस्था, हाईकोर्ट ‘जाने-नहीं जाने’ के फैसले से संशय में अभ्यर्थी, आयेंगी कई तकनीकी अड़चनें

नेताओं के निशाने पर रहा शिबू सोरेन का परिवार

संथाल परगना में खनिज की तस्करी, भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न समेत कई मुद्दों को लेकर लुईस मरांडी ने 30 जुलाई से 3 अगस्त सत्याग्रह किया. इस सत्याग्रह में पहुंचे बीजेपी नेताओं के निशाने पर मुख्य रूप से शिबू सोरेन और उनका परिवार रहा. बाबूलाल मरांडी दोनों दिन सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि खुद को संथाल परगना का हितैषी बताने वाले शिबू सोरेन परिवार के किसी भी सदस्य को संथाल की चिंता नहीं है. वो केवल यहां कोयला, बालू, पत्थर, दारू के गोरखधंधा समेत अन्य काला कारोबार की अवैध वसूली करने आते हैं. इनके विकास के सारे दावे खोखले हैं. सोरेन परिवार की सत्ता में रहते प्रदेश में भ्रष्टाचार औऱ लूट का खेल रुकने वाला नहीं है. इसे भी पढ़ें- एनडीआरएफ">https://lagatar.in/ndrf-searched-for-the-youth-in-the-river-for-seven-and-a-half-hours-but-did-not-find/123269/">एनडीआरएफ

ने साढ़े सात घंटे तक नदी में युवक को खोजा, लेकिन नहीं मिला

फिर संथाल में सेंधमारी की कवायद कर रही बीजेपी

संथाल में सेंधमारी की कोशिश बीजेपी कई सालों से कर रही है, लेकिन हर बार उसे निराशा हाथ लगती है. रघुवर दास भी मुख्यमंत्री रहते हर हफ्ते किसी न किसी बहाने संथाल का दौरा करते थे. संथाल को उन्होंने कई सौगात भी दी, लेकिन संथाल में सेंधमारी नहीं कर सकी. 2019 के विधानसभा चुनाव में इतनी मेहनत के बाद भी बीजेपी 18 में से सिर्फ 4 सीटें जीत पायी. दुमका और मधुपुर उपचुनाव में भी बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. एक बार फिर बाबूलाल संथाल को साधने निकल पड़े हैं. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp