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भाजपा को संविधान से चिढ़ हैः कांग्रेस

Ranchi : प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सोनल शांति ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिलीप सिंह के बयान ने भाजपा की संविधान विरोधी मंशा को उजागर कर दिया है. उन्होंने आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने संविधान की प्रस्तावना से "धर्मनिरपेक्ष" और "समाजवादी" शब्दों को हटाने की बात कही है. नेता विपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में संविधान बचाने की लड़ाई जारी है. भाजपा को संविधान से चिढ़ है क्योंकि यह समानता, अधिकार, न्याय और देश की अखंडता की बात करता है.

 

तो संविधान बदलने की शुरू हो जाती प्रक्रिया


सोनाल शांति ने कहा कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 400 सीटें मिलती तो संविधान बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती. भाजपा की स्पष्ट मंशा है कि वह हजारों वर्ष पहले की वर्ण व्यवस्था को देश में लागू करे, लेकिन भारतीय संविधान उन्हें ऐसा करने से रोकता है. "धर्मनिरपेक्ष" और "समाजवादी" शब्द संविधान की आत्मा हैं और देश की जनता को अभिमान है. समाजवाद शब्द की मंशा है कि सभी नागरिकों को समान अवसर और अधिकार मिले, जबकि धर्मनिरपेक्ष शब्द दर्शाता है कि राज्य का कोई धर्म नहीं होगा.

 

भाजपा का दोहरा चरित्र


सोनाल शांति ने भाजपा के दोहरे चरित्र का खुलासा करते हुए कहा कि भाजपा के अपने संविधान में समाजवाद और सेकुलरिज्म शब्द हैं, लेकिन भाजपा के नेता संविधान की प्रस्तावना से इसे हटाना चाहते हैं. भाजपा की इस मंशा को देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी.

 

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