Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड की अबुआ सरकार को बदनाम करने का भाजपा का लगातार किया जा रहा प्रयास अब बेतुके आरोपों के नए चरण में पहुंच गया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा का पूरा बयान तथ्यों से रहित, भ्रामक और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है. पांडेय ने सवाल उठाया कि पैरामेडिकल स्टाफ की चिंता भाजपा को आज अचानक कैसे होने लगी, जबकि केंद्र में अपने शासनकाल में उन्होंने इन्हें उपेक्षित ही रखा.
उन्होंने कहा कि जिन पैरामेडिकल कर्मियों के प्रति भाजपा अचानक संवेदना जता रही है, उन्हीं की न्यूनतम वेतन, सुरक्षित कार्य वातावरण और पुरानी पेंशन की मांगों पर केंद्र सरकार ने कभी कोई कदम नहीं उठाया. पांडेय ने आरोप लगाया कि भाजपा के शासनकाल में स्वास्थ्य ढांचा जर्जर हुआ और संविदा कर्मियों का शोषण बढ़ा.
गजट की गलत व्याख्या कर रहे हैं भाजपा नेता
विनोद पांडेय ने कहा कि श्रम विभाग की गजट अधिसूचना को भाजपा नेता चुनिंदा रूप से पढ़ रहे हैं, जबकि सरकार पैरामेडिकल स्टाफ के वेतनमान, कौशल श्रेणी और मानदेय संरचना को अपडेट करने की प्रक्रिया पर पहले से काम कर रही है. उन्होंने पूछा कि भाजपा अपने शासनकाल में स्वास्थ्यकर्मियों की वेतन संरचना को सुधारने के मामले में 17 से 18 वर्ष तक चुप क्यों बैठी रही.
आउटसोर्सिंग पर भाजपा का आरोप राजनीतिक नौटंकी
पांडेय ने कहा कि सदर अस्पताल रांची में आउटसोर्सिंग व्यवस्था भाजपा शासनकाल से ही लागू है और उसी दौरान भ्रष्ट एजेंसियों व दलाली तंत्र को संरक्षण मिला. उन्होंने कहा कि अब जब अबुआ सरकार आउटसोर्सिंग एजेंसियों की पूरी प्रणाली की समीक्षा और ऑडिट कर रही है, तो भाजपा बौखला गई है.
भाजपा संविदा कर्मियों की हमदर्द नहीं, शोषक रही है
उन्होंने कहा कि भाजपा संविदा कर्मियों की पीड़ा को दूर करने के बजाय उसे राजनीतिक लाभ में बदलने का प्रयास करती रही है. यदि भाजपा वास्तव में संविदा कर्मियों के लिए संवेदनशील होती, तो देशभर में उनके लिए समान नीति बनाती, पर आज तक ऐसा नहीं किया गया. पांडेय ने कहा कि झारखंड सरकार सभी स्वास्थ्यकर्मियों के मानदेय, सेवा शर्तों और सुरक्षा को लेकर स्पष्ट और मजबूत नीति तैयार कर रही है.
भाजपा की राजनीति तथ्यहीन आरोपों का खेल
महासचिव पांडेय ने कहा कि झारखंड में भाजपा की राजनीति अब झूठे आंकड़ों और तथ्यहीन आरोपों पर आधारित हो गई है. यदि भाजपा के पास कोई ठोस दस्तावेज है तो उसे सरकार को सौंपे, कैमरे के सामने कहानी गढ़ने से केवल राजनीतिक ऑक्सीजन मिल सकता है, सत्य नहीं.
उन्होंने कहा कि अबुआ सरकार श्रमिकों, युवाओं और स्वास्थ्यकर्मियों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. पांडेय ने दावा किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नर्सों की भर्ती, लैब तकनीशियनों की बहाली, जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और संविदा कर्मियों की सुरक्षा को लेकर कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं, जो भाजपा शासनकाल में कभी संभव नहीं था.
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