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भाजपा प्रवक्ता ने लाइव टेलीविजन पर राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी दी, कांग्रेस ने निंदा की

New Delhi : कांग्रेस ने भाजपा प्रवक्ता पिंटू महादेव द्वारा लाइव टेलीविज़न पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी को दी   जान से मारने की धमकी की निंदा की है. आरोप लगाया कि भाजपा सारी लिमिट पार कर चुकी है, कहा कि यह  बिना सोचे-समझे की गयी टिप्पणी या अतिशयोक्ति नहीं है.

 

 

 

कांग्रेस ने कहा कि यह एक ऐसे नेता को एक सोची-समझी और सोची-समझी जान से मारने की धमकी है जो न्याय की लड़ाई में हर भारतीय के साथ खड़ा है. 

 

आरोप है कि केरल में एक टीवी चैनल पर भाजपा नेता प्रिंटू महादेव ने राहुल गांधी पर विवादास्पद टिप्पणी की है,   कांग्रेस महासचिव केसी. वेणुगोपाल ने प्रिंटू महादेव के बयान को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर कार्रवाई करने की मांग की है.

 

उन्होंने लिखा कि अगर  तुरंत कार्रवाई नहीं की गयी तो हम मानेंगे कि राहुल गांधी के खिलाफ सरकार की मिलीभगत है. प्रिंटू महादेव के बारे में कहा जाता है कि वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राज्य अध्यक्ष हैं. प्रिंटू ने एक मलयालम टीवी चैनल पर एक डिबेट में कहा कि राहुल गांधी को छाती में गोली मार दी जायेगी.  


कांग्रेस  ने उसके बयान को कानून के शासन, हर नागरिक की सुरक्षा की गारंटी देने वाले संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया.  कांग्रेस  ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि राहुल गांधी को विभिन्न अवसरों पर दी गयी धमकियां भाजपा की मंशा पर गंभीर सवाल उठाती है.

 

यह जननेता राहुल गांधी  के विरुद्ध एक बड़ी और भयावह साजिश है. भाजपा से पूछा कि क्या भाजपा आपराधिक धमकी, हिंसा और यहाँ तक कि जान से मारने की धमकियों की राजनीति का समर्थन करती है?  क्या भाजपा विपक्ष के नेता, एक संवैधानिक पद और उसके कुशासन के खिलाफ आवाज उठाने वाले अन्य विपक्षी नेताओं के खिलाफ हिंसा को सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है?

 

कांग्रेस ने मांग की है कि पुलिस द्वारा पिंटू महादेव के खिलाफ तत्काल और अनुकरणीय कार्रवाई की जाये. भाजपा नेतृत्व इसकी कड़ी निंदा करे और सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे. कांग्रेस  ने लिखा कि यदि भाजपा ऐसा नहीं करती है, तो देश के पास यह मानने का पूरा कारण होगा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस घृणित कृत्य में शामिल हैं.

 

आरएसएस-भाजपा विचारधारा के खिलाफ राहुल गांधी जी की निडर लड़ाई ने उन्हें झकझोर दिया है. हालाँकि, कोई भी धमकी या हिंसा उन्हें भारत के लोगों के लिए खड़े होने और संविधान की रक्षा करने से नहीं रोक पायेगी. देश किसी भी धमकी या अत्याचार के खिलाफ एकजुट है.

 

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