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बिहार में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में वृद्धि, एक दिन में मिले नौ मरीज

Patna : बिहार में एक तरफ लोग कोरोना महामारी से परेशान हैं. वहीं दूसरी ओर राज्य में ब्लैक फंगस के केस भी बढ़ते जा रहे हैं. शुक्रवार को बिहार में ब्लैक फंगस के नौ मरीज मिले हैं. इसमें से आठ मरीज पटना के हैं. सात मरीजों का पटना के AIIMS में इलाज चल रहा है. पिछले 24 घंटे में पटना के एम्स में तीन, वेल्लोर ईएनटी सेंटर में तीन, पारस अस्पताल में दो और रीना देवी मेमोरियल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में एक मरीज का इलाज चल रहा है. इसके साथ ही पटना एम्स में अबतक ब्लैक फंगस के सात मरीज, आईजीआईएमएस में दो, रूबन में दो और पारस में चार मरीज मिल चुके हैं. 

पटना एम्स में सात मरीजों का चल रहा इलाज 

पटना एम्स में कुल सात मरीज भर्ती है. शुक्रवार को एम्स के तीन मरीज कोरोना संक्रमित थे. एक मरीज के चेहरे पर सूजन है. वहीं दूसरे की आंख की रोशनी चली गयी है. पटना एम्स के डॉ.संजीव कुमार ने बताया कि एक मरीज को ब्रेन की समस्या भी है.

ब्लैक फंगस में आंखो की पुतली गिर जाती

डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि ब्लैक फंगस एक फंगल संक्रमण है. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण यह होता है. अगर शरीर काफी कमजोर होगा तो यह फंगस नाक, चेहरा,गला, आंख और ब्रेन को पकड़ता है. ब्लैक फंगस जब आंखों को पकड़ता हैं तो मरीज के आंखों की पुतली गिर जाती है.  ब्लैक फंगस होने से आपके चेहरे, दांत, आंख, नाक और सिर में दर्द होता है. नाक से पानी और खून निकलता है. इस बीमारी में आंख में सूजन और लालिमा आ जाती है. आंखों की रोशनी कम हो जाती या फिर चली जाती है.

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