Bokaro: राज्य में बदली शराब नीति के तहत शराब की दुकानें खोली जा रही हैं. इसके लिए रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इसके लिए नये लोगों को भर्ती किया जाना है. लेकिन पुराने कर्मियों को भी बहाल किया जा रहा है.साथ ही सिक्योरिटी मनी भी मांगी जा रही है. जो नियम के खिलाफ है. मामला बोकारो की सुमित एंड कंपनी से जुड़ा है. शराब दुकान चलाने वाली एजेंसी बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर 50 हजार रुपए सिक्योरिटी मनी मांग रही है. इससे आवेदकों में असंतोष है.
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जिन युवाओं ने नियोजनालय में अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा था. उनका शराब दुकानों में नौकरी देने के नाम पर इंटरव्यू भी किया गया है. अब शराब दुकान चलाने वाली एजेंसी जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराए गए सूची को दरकिनार करते हुए रांची और बिहार से आये लोगों को बहाल कर रही है. नियोजनालय से लिस्ट भेजे जाने के बाद जिन युवाओं को कंपनी के द्वारा फोन कर बुलाया गया, उनसे पहले सिक्योरिटी मनी के नाम पर 50 हजार रुपए मांगे गये. नहीं देने पर उन्हें नहीं दिया गया. बिहार और रांची से आए वैसे लोगों को दुकान की चाभियां थमाई जा रही हैं, जिनका बोकारो नियोजनालय से कोई संबंध नहीं है.
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सुमित एजेंसी के कर्मी मनोज कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा जो लिस्ट उपलब्ध कराया गया है, उसके अलावा भी कंपनी ने अपने स्तर से कर्मियों की बहाली की है. दोनों को मिलाकर दुकानों में भेजा जा रहा है. सिक्योरिटी मनी की मांग की जा रही है, ताकि दुकान में काम करने वाले गड़बड़ी कर भाग ना सके. मनोज का कहना है इस सरकार ने जो लिस्ट उपलब्ध कराई है, उसमें भी हमलोग मेरिट के हिसाब से चयन कर रहे हैं. जितना लिस्ट उपलब्ध कराया गया है, इतने लोगों को हम बाहर नहीं कर सकते.
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