Ranchi/Bokaro : बोकारो उपायुक्त कार्यालय में चल क्या रहा है, शासन-प्रशासन की समझ के बाहर है. ताजा खबर है कि बोकारो के उपायुक्त अजय नाथ झा ने आयकर की जांच के दायरे में शामिल लखपति क्लर्क को DMFT के काम से हटा दिया है. लखपति क्लर्क को हटाने का आदेश उन्होंने बुधवार (19 नवंबर) को Lagatar.in पर खबर चलने के कुछ घंटे (करीब छह घंटे) बाद ही जारी किया. यह पहला मौका नहीं है, जब बोकारो के उपायुक्त को आदेश बदलना पड़ा. इसकी वजह किसी को समझ में नहीं आ रहा है.
जानकारी के मुताबिक 17 नवंबर को लखपति UDC राजेश कुमार पांडेय को DMFT का अतिरिक्त प्रभार देने से संबंधित आदेश जारी किया गया था. 19 नवंबर को दिन के 11.29 बजे Lgatar.in पर इस लखपति क्लर्क को DMFT में पदस्थापित किये जाने की खबर प्रकाशित किया. इसके बाद उपायुक्त ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए DMFT में उसकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी है.
लगातार पर दिन के 11.29 बजे प्रकाशित खबर..
उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त की आधी रात को गोला पुलिस ने गाड़ियों की जांच के दौरान इस क्लर्क की गाड़ी से नकद 51 लाख रुपये जब्त किया था. पुलिस द्वारा की गयी प्रारंभिक जाँच के दौरान UDC राजेश कुमार पांडेय द्वारा पैसों के स्रोत का संतोषप्रद जवाब नहीं देने की वजह से पुलिस से 51 लाख रुपये जब्त कर लिया था. इसके बाद पुलिस ने मामले की विस्तृत जाँच के लिए आयकर को पत्र लिखा.
पुलिस द्वारा किये गये अनुरोध पर आयकर विभाग ने कानूनी प्रक्रिया पूरा करने के बाद 51 लाख रुपये जब्त कर सरकारी खाते में जमा कर दिया. इसके बाद से आयकर इस मामले की जाँच कर रहा है. क्लर्क की गाड़ी से 51 लाख रुपये बरामद होने के बाद उपायुक्त ने उसे DMFT से हटा दिया था. लेकिन 17 नवंबर को उसे फिर DMFT का अतिरिक्त प्रभार दे दिया. इस सिलसिले में ख़बर प्रकाशित होने के बाद UDC का अतिरिक्त प्रभार समाप्त कर दिया गया. वह अब सिर्फ चास अंचल कार्यालय में पदस्थापित रहेगा.
राजेश कुमार पांडेय को लेकर आदेश बदलने का यह दूसरा मामला है. इससे पहले भी जब lagatar.in ने राजेश कुमार पांडेय को लेकर खबर प्रकाशित किया था, तो उन्होंने आदेश को बदल दिया. एक और मामले में बोकारो के उपायुक्त ने उस आदेश को बदल दिया था, जिसमें उन्होंने सरकारी कर्मियों को नगद राशि लेकर चलने की सीमा निर्धारित कर दी थी.


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