Bokaro : दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 19 मजदूरों की वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार की मदद से इन मजदूरों को वेतन का भुगतान हो गया है. इनमें से 17 मजदूर शनिवार को घर लौट रहे हैं. ये मजदूर हजारीबाग व बोकारो जिले के हैं. जबकि दो मजदूर 26 अगस्त को लौटेंगे. 3-4 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण ये लोग काफी परेशान थे. खाने-पीने की भी दिक्कत हो गयी थी. मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर केंद्र व झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई थी.
इसके बाद ही केंद्र सरकार हरकत में आई. भारतीय दूतावास की मदद से मजदूरों के बकाया वेतन व वतन वापसी को लेकर संबंधित कंपनी के साथ वार्ता हुई. इसके बाद उन्हें बकाया वेतन का भुगतान हुआ और वतन वापसी का रास्ता साफ हुआ. मजदूरों के घर लौटने की खबर सुनकर उनके परिवार के लोगों में खुशी का माहौल है. परिजनों ने केंद्र सरकार के साथ-साथ सोशल मीडिया के लोगों और प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली के प्रति आभार जताया है.
ये मजदूर हैं शामिल
काम की तलाश में बोकारों व हजारीबाग जिले के 19 मजदूर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून गए थे. इनमें बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के
चिलगो के प्रेम टुडू व सिबोन टुडू, करी खुर्द के सोमर बेसरा व पुराण टुडू, बड़की सिधाबारा के रामजी हांसदा, विरवा हांसदा व महेंद्र हांसदा शामिल हैं. वहीं, हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ क्षेत्र के भेलवारा गांव के आघनू सोरेन, खरकी के अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी व लालचंद मुर्मू, नरकी के बुधन मुर्मू, चानो के जिबलाल मांझी, टाटीझरिया के छोटन बासके व राजेंद्र किस्कू शामिल हैं. हजारीबाग जिले के फूलचंद मुर्मू व बोकारो जिले के नावाडीह के बबलू सोरेन 26 अगस्त को लौटेंगे.
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