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महुआ मोइत्रा के घर के बाहर बीएसएफ की तैनाती, बोलीं- लगता है मेरी जासूसी हो रही

New Delhi :  तृणमूल सांसद महुआ">https://en.wikipedia.org/wiki/Mahua_Moitra">महुआ

मोइत्रा ने अपने घर के बाहर केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती को लेकर सवाल उठाये हैं. महुआ ने आरोप लगाया है कि उनके घर के बाहर बीएसएफ">https://bsf.gov.in/Home">बीएसएफ

की तैनाती कर उनकी जासूसी कराई जा रही है. उन्होंने मांग की है कि यह तैनाती हटायी जाये. महुआ मोइत्रा ने इसे लेकर पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखा है.

ऐसा लगा जैसे मैं निगरानी में हूं

पत्र में टीएमसी सांसद ने कहा है कि बाराखंभा रोड के एसएचओ 12 फरवरी की शाम करीब साढ़े छह बजे मेरे आवास पर मिलने आये. इसके कुछ देर बाद बीएसएफ के तीन जवानों को करीब 10 बजे मेरे घर के बाहर तैनात कर दिया गया. सांसद महुआ ने कहा कि इन सुरक्षाबलों के व्यवहार से लगा कि वे मेरे मूवमेंट को नोट कर रहे हैं. इससे मुझे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे मैं किसी तरह की निगरानी में हूं. इस देश की नागरिक होने के नाते निजता का अधिकार मेरा मौलिक अधिकार है. जब मैंने जानकारी ली, तो पता चला कि मेरी सुरक्षा के लिए बाराखंभा रोड से इन जवानों को तैनात किया गया है. हालांकि भारत के आम नागरिक के तौर पर मैंने ऐसी सुरक्षा की कभी मांग नहीं की. अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया इन्हें यहां से वापस बुला लें. इसे भी पढ़ें -पढ़िये,">https://lagatar.in/read-tmc-mp-mahua-moitras-speech-in-the-lok-sabha-which-has-created-uproar-in-the-ruling-party/26203/">पढ़िये,

TMC सांसद महुआ मोइत्रा का लोकसभा में दिया गया वह भाषण, जिसने सत्ता पक्ष में खलबली मचा रखी है

मेरी सुरक्षा पर संसाधनों को बर्बाद न करें

दिल्ली">https://www.delhipolice.nic.in/">दिल्ली

पुलिस को चिट्ठी लिखने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में महुआ मोइत्रा ने परोक्ष रूप से सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सिर्फ मेरी सुरक्षा पर संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहिए. सबकी सुरक्षा होनी चाहिए. मैं सुरक्षा नहीं लेती. मुझे कुछ खास नहीं चाहिए. यदि आप मेरी निगरानी कर रहे हैं, तो मुझसे पूछें. मैं आपको बताऊंगी. भारत का लोकतंत्र पहले से ही खतरे में है, हमें ऐसा एहसास मत दिलाइये कि हम रूसी गुलाग में रह रहे हैं. इसे भी पढ़ें- महुआ">https://lagatar.in/why-did-mahua-moitras-statement-disturb-bjp/25791/">महुआ

मोइत्रा के कथन से भाजपा में खलबली क्यों ?

दूसरे को चुप कराने के लिए भाजपा की यह बुरी आदत

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर मोइत्रा ने कहा कि दूसरे को चुप कराने के लिए भाजपा की यह बुरी आदत है. विशेषाधिकार हनन के लिए अनुच्छेद 121 का हवाला दिया गया है, लेकिन उन्होंने जो कहा है, वह सबके सामने है. मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने किसी संविधान के प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है.

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