Ranchi: शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान इन दिनों चर्चा में है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या नगर निगम की सख़्ती केवल गरीबों तक ही सीमित है? रांची में लगातार सड़क किनारे छोटे दुकानदारों, रेहड़ी वालों और अस्थायी स्टॉल लगाने वालों पर कार्रवाई होती दिख रही है, लेकिन शहर के कई बड़े और महंगे इलाकों में खुलेआम हो रहे अतिक्रमण पर निगम की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े कर रही है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम का बुलडोजर हमेशा मजबूरों पर चलता है, जबकि पैसे और रसूख वाले लोग बेख़ौफ हैं. शहर में कई स्थान ऐसे हैं, जहां रोजाना भारी अतिक्रमण हो रहा है, फिर भी उन जगहों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
इन जगहों पर रोज होता है अतिक्रमण, पर कार्रवाई शून्य
1. कांके रोड (कैंब्रियन पब्लिक स्कूल के पास): स्कूल के आसपास रोज दिनभर गाड़ियां सड़क पर खड़ी रहती हैं. इससे ट्रैफ़िक जाम आम बात है, लेकिन नगर निगम कभी कार्रवाई नहीं करता.
2. कृषि विभाग के बाहर: यहां भी रोज दुपहिया–चौपहिया वाहन सड़क पर कब्ज़ा जमाए रहते हैं. कर्मचारियों और बाहर से आने वालों की पार्किंग की वजह से आम लोगों को भारी परेशानी होती है.
3. पंचतन्त्र सेंटर मॉल: मॉल के आसपास प्रतिदिन सड़क पर अवैध पार्किंग होती है. कई बार सड़क आधी तक घिर जाती है, लेकिन कार्रवाई नदारद रहती है.
4. एस.एस. मेमोरियल कॉलेज: कॉलेज के सामने गाड़ियों की लंबी कतार रोज सड़क को संकरा कर देती है. यह वर्षों से चल रहा अतिक्रमण है, फिर भी निगम की गाड़ी यहां कभी नहीं पहुंचती.
सवाल उठ रहे हैं - आख़िर एक जैसा क़ानून क्यों नहीं?
नागरिकों का कहना है कि यदि नगर निगम सच में शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना चाहता है, तो उसे एक समान और निष्पक्ष कार्रवाई करनी होगी. केवल गरीब दुकानदारों या अस्थायी विक्रेताओं पर बुलडोजर चलाना न्यायसंगत नहीं है. लोगों का कहना है कि बड़े मॉल, कॉम्प्लेक्स और सरकारी–ग़ैरसरकारी संस्थानों के बाहर होने वाला रोज़ाना अतिक्रमण भी उतना ही गलत है.
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