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कोयलांचल में कोल कंपनियों की दबंगई!

Ranchi: धनबाद के कोयला खनन इलाकों में कंपनियों और उनके लठैतों की दबंगई का मामला विधानसभा के बजट सत्र में गूंजा था. सदन में उठे इस गंभीर मुद्दे पर स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो ने मथुरा महतो की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया था. 


समिति में विधायक अरुप चटर्जी, चंद्रकांत महतो, राज सिन्हा, उमाकांत रजक, सुदीप गुड़िया और धनंजय सोरेन को सदस्य बनाया गया. नियमों के मुताबिक समिति को तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सदन में सौंपनी थी, लेकिन विधायकों की व्यस्तता के कारण न तो स्थल निरीक्षण हो सका और न ही रिपोर्ट पेश हो पाई.

 
अब समिति को तीन माह का और विस्तार दिया गया है. इस मामले को सदन के बजट सत्र में विधायक अरुप चटर्जी और चंद्रकांत महतो ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा था कि कोयला कंपनियां लठैत रखकर समानांतर सत्ता चला रही हैं और पुलिस प्रशासन उनकी ढाल बनकर खड़ा है.


कोल कंपनियों पर गंभीर आरोप


आउटसोर्सिंग कंपनियां रैयती जमीन पर जबरन ओवर बर्डेन (OB) फेंक रही हैं.
गैरमजरुआ और फॉरेस्ट जमीन पर अतिक्रमण कर खनन जारी है.
पुलिस और प्रशासन सबकुछ जानकर भी मूकदर्शक बना हुआ है.
ग्रामीणों के विरोध पर मुकदमे लाद दिए जाते हैं.


सितंबर माह में करेगी समिति स्थल निरीक्षण


मिली जानकारी के अनुसार, सितंबर माह में समिति स्थल का दौरा कर कंपनियों की हकीकत सामने लाएगी. कंपनियों की मनमानी के मामले में 18 से 20 सितंबर को स्थल निरीक्षण करेगी, समिति ने कई बार इस पूरे मामले में अधिकारियों के साथ बैठक कर चुकी है. 


क्या आरोप लगे हैं कोल कंपनियों और प्रशासन पर


आउटसोर्सिंग कंपनियों के दवरा रैयती जमीन पर जबरन ओवर बर्डेन (OB) फेंक देना, गैरमजरुआ जमीन को कब्जा करना, फॉरेस्ट जमीन पर अतिक्रमण कर कोयला निकालने का काम किया जाना. साथ ही पूरे मामले में पुलिस से लेकर प्रशासन और जिम्मेवार अधिकारी मूकदर्शक बने रहना, पूरे मामले को काफी गंभीर बना देता है. हालात इतने भयावह हैं कि अगर कोई रैयत रात में शौच के लिए बाहर निकलता है तो उसे हाइवा से कुचल दिया जाता है. 


कोल कंपनियों के खिलाफ संघर्ष का लंबा इतिहास


धनबाद और आसपास के कोयलांचल क्षेत्रों में ग्रामीण लंबे समय से कंपनियों की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. कई बार सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन और आंदोलन हुए, लेकिन हर बार पुलिस बलपूर्वक इन्हें दबा देती है. 


ग्रामीणों का आरोप है कि आंदोलन करने पर मुकदमे लाद दिए जाते हैं, जबकि कंपनियों के खिलाफ प्रशासन कभी कार्रवाई नहीं करता. आंदोलन करने वाले ग्रामीणों पर झूठे मुकदमे लाद दिए जाते हैं. स्थानीय लोग दबी आवाज में कहते हैं कि कंपनी और पुलिस की मिलीभगत से कोयलांचल में लूट और आतंक का खेल जारी है.


क्या कहते हैं समिति के अध्यक्ष मथुरा महतो


समिति अध्यक्ष मथुरा महतो ने कहा कि सितंबर माह में समिति स्थल निरीक्षण करेगी. इससे पहले अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, जिनके विवरण रिकार्ड में दर्ज हैं. मामला बेहद गंभीर है और समिति इसे लेकर पूरी तरह सक्रिय है.

 

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