जामिद गांव में तालाब से 30 एकड़ खेतों में होगी सिंचाई : सुखराम
हम जमीन नहीं दे सकते : विरोधी
विरोध कर रहे पक्ष के ग्रामीणों ने बताया कि बगैर ग्राम सभा की सहमति के हम जमीन नहीं दे सकते. जो ग्राम सभा बुलाई गई है वह फर्जी है. इसमें पारंपरिक माझी बाबा अनुपस्थित हैं. इस जमीन पर विवाद है, वह आदिवासी लैंड है. ग्राम सभा वहां होनी चाहिए थी, मगर सरकार उनको बेदखल करना चाहती है. इसी बात को लेकर ग्राम सभा में दोनों पक्ष के ग्रामीण आपस में उलझ गए. हालात इतने बिगड़े की दोनों तरफ से हाथापाई शुरू हो गई. इसे भी पढें : ">https://lagatar.in/chakradharpur-moon-star-becomes-winner-in-day-night-cricket-tournament-in-dandasai/">दंदासाई में डे-नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट में मून स्टार बना विजेता
जमीन झारखंड सरकार की है : अंचलाधिकारी
इस विषय में गम्हरिया अंचलाधिकारी (सीओ) कमल किशोर ने बताया कि जितने भी भूखंड हैं, वह अनाबाद झारखंड सरकार की भूमि है. एक इंच जमीन भी मूल रैयतों की नहीं ली जा रही है. जो विरोध कर रहे हैं उनकी मांग उचित नहीं है. बावजूद इसके उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि किसी का भी मकान टूटने नहीं दिया जाएगा. हालांकि हंगामे के बीच कांड्रा थाना प्रभारी, सीओ, मुखिया, और ग्राम प्रधान की मौजूदगी में ग्राम सभा संपन्न कराई गई. सभी से रजिस्टर में हस्ताक्षर लिए गए हैं. इसे भी पढ़ें : ">https://lagatar.in/jamshedpur-mla-saryu-rai-visited-jamco-azad-basti/">विधायक सरयू राय ने जेम्को आजाद बस्ती का किया दौरा wpse_comments_template