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झारखंड बनने के बाद भी सरकार ने नहीं दिया ध्यान
इस अधूरे नहर के बारे में बताया जाता है कि हरेक पांच साल के बाद नहर की मरम्मती के नाम पर काम लगाया जाता है और मिट्टी छील कर पैसे की निकासी कर ली जाती है. इस तरह के कार्यों से किसानों को कोई लाभ नहीं हो पाता है. किसान कहते हैं कि नहर सही तरीके से बना होता तो सभी सीजन में हमलोग खेती का काम अच्छे तरीके से करते. सिंचाई योजना पर जब भी काम की शुरुआत होती है बस खानापूर्ति की जाती है. योजना की शुरुआत हुए लगभग पांच दशक बीतने को हैं लेकिन मुकम्मल तौर पर नहर बन नहीं पाया. राज्य में कई पार्टियों की सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने सुध नहीं ली.alt="" width="600" height="320" />
योजना पूरी होने से हजारों हेक्टेयर जमीन में होती सिंचाई
बिहार का बटवारा हो जाने के बाद यह क्षेत्र झारखंड राज्य में आ गया. झारखंड राज्य के बने 22 वर्ष गुजर गए हैं महत्वाकांक्षी घघरी सिंचाई योजना पर नजर नहीं पड़ी और योजना आजतक अधर में अटकी हुई है. जब इस संबंध में जानकारी लेने के लिए संवाददाता ने जब सिंचाई विभाग के एसडीओ प्रदीप सिंह ने फोने पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. इसे भी पढ़ें :चाकुलिया">https://lagatar.in/chakulia-the-cause-of-a-major-accident-can-be-a-culvert-built-on-the-branch-canal/">चाकुलिया: बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है शाखा नहर पर बनी पुलिया [wpse_comments_template]
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