NewDelhi : आज किसी पब्लिक स्क्वायर पर खड़े होकर पीएम मोदी की आलोचना नहीं की जा सकती. अगर कोई कहे कि उन्हें पीएम का चेहरा पसंद नहीं है तो ऐसा करने पर न जाने किस जु्र्म में पकड़कर उन्हें जेल में डाल दिया जायेगा. कोई उन्हें यह तक नहीं बताएगा कि उनका कसूर क्या था. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा का यह बयान चर्चा में है.
I don’t know if a former judge of the Supreme Court has actually said this. If it’s true then the statement itself is demeaning the institution he has served.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 3, 2022
जान लें कि पीएम मोदी की आलोचना को लेकर जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू आपस में भिड़ गये हैं. जस्टिस श्रीकृष्णा के इस बयान पर रिजिजू ने इमरजेंसी की याद दिलाकर ऐसे लोगों (जस्टिस श्रीकृष्णा) पर तीखा तंज कसा, जो पीएम मोदी की गाहे बगाहे आलोचना करते रहे हैं.
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जस्टिस श्रीकृष्णा ने देश के मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की
द हिंदू अखबार के एक इंटरव्यू में जस्टिस श्रीकृष्णा ने देश के मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि था देश में जो भी माहौल दिख रहा है वो सही नहीं कहा जा सकता. कहा कि लोकतंत्र में सरकार की आलोचना करना नैसर्गिक होता है. इसके लिए किसी पर बंदिशें नहीं लगाई जा सकतीं. यह लोगों का मूलभूत अधिकार है और सरकार इसे कैसे भी दबाकर नहीं रख सकती.
कानून मंत्री रिजिजू को आलोचना रास नहीं आयी
यह आलोचना कानून मंत्री रिजिजू को रास नहीं आयी. उन्होने पलटवार करते हुए इमरजेंसी की याद दिलाई. कहा कि लोकप्रिय पीएम मोदी की आलोचना करने वाले लोगों को शायद इमरजेंसी याद नहीं. कांग्रेस ने तब कैसे लोकतंत्र का गला घोंटा था इन लोगों को याद नहीं आयेगा. आरोप लगाया कि ये लोग किसी रीजनल पार्टी के सीएम के बारे में कभी कुछ नहीं बोलते. बोल कर देखें तो उन्हें हकीकत का पता चल जायेगा.
संस्थान(सुप्रीम कोर्ट) की साख गिराई जा रही है
रिजिजू ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सुप्रीम कोर्ट का एक पूर्व जज ऐसा कह रहा है. ऐसा करके वह उस संस्थान की साख गिरा रहा है जिसमें वो इतने सालों तक काम कर चुका है. इस मामले में जस्टिस श्रीकृष्णा ने कहा कि वे सिविल सर्वेंट के बारे में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. उनका इशारा तेलंगाना की उस IAS अधिकारी पर था जिसने बिलकिस बानो केस में गुजरात सरकार की आलोचना की थी. जस्टिस श्रीकृष्णा ने कहा कि उनकी चिंता कानून और उसके सरकारी इस्तेमाल को लेकर है.