- बिरंची नारायण ने 20 हजार करोड़ से अधिक के खनन घोटाले का लगाया आरोप
- बादल पत्रलेख ने राजस्व वसूली के आंकड़ों से दिया भाजपा को जवाब
Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन सदन में अवैध खनन का मुद्दा गूंजा. भाजपा विधायकों ने सरकार पर पत्थर चोरी करवाने का आरोप लगाया और इसकी जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग को लेकर हंगामा किया. हंगामे के कारण स्पीकर को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने सदन में अवैध खनन का मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि राज्य में 20 हजार करोड़ से अधिक का खनन घोटाला हुआ है. अवैध खनन में विस्फोटकों का इस्तेमाल कर पहाड़ों के पहाड़ गायब कर दिये गये. सीधे-सीधे यह एनआईए का मामला है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में अवैध खनन के खिलाफ हेमंत सरकार ने पिछली सरकार से ज्यादा कार्रवाई की है और पिछली सरकार से ज्यादा राजस्व जुटाया है. जहां तक विस्फोटक की बात है, तो वह एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत आता है, जिसकी कंट्रोलर केंद्र सरकार है. फिर भी एफआईआर में अवैध विस्फोटक की बात सामने आने पर कार्रवाई की जाती है.
पिछली सरकार से 5000 करोड़ अधिक राजस्व मिला
मंत्री ने सदन में रघुवर सरकार के तीन साल और हेमंत सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान खनन से प्राप्त हुए राजस्व को सामने रखा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने खनन से राजस्व प्राप्ति को लेकर तय किये गये लक्ष्य का 50 फीसदी ही लक्ष्य पूरा किया, जबकि हमारी सरकार ने पिछली सरकार से 5000 करोड़ रुपये ज्यादा राजस्व की वसूली की है. पिछली सरकार ने तीन साल में 15784 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति की थी, जबकि हेमंत सरकार ने 3 साल में 20949 करोड़ राजस्व प्राप्त किया है. वहीं पिछली सरकार के कार्यकाल में 2019 तक 1110 माइंस का निरीक्षण किया गया था, जबकि हेमंत सरकार में उससे तीन गुणा अधिक 3692 माइंस का निरीक्षण किया गया और अवैध पाए जाने पर छापे मारे गये.
साढ़े तीन करोड़ जनता स्पीकर को देख रही है- भानु
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि साहिबगंज और पलामू में कई पहाड़ गायब हो गए. राजस्व क्या मिल रहा है, यह विषय नहीं है. विषय अवैध खनन का है. उन्होंने स्पीकर से कहा कि अपनी ज्यूडिशियरी पावर का इस्तेमाल करते हुए मामले की जांच के लिए विधानसभा की एक कमेटी बना दें. राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता स्पीकर को भी देख रही है. भानु ने कहा कि हमलोग आंख में पट्टी बांधकर सदन में बैठने के लिए नहीं आए हैं.
दिल साफ है तो एरियल सर्वे करवा लें मंत्री- मनीष
भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि हमारा आरोप है कि इस सरकार ने पत्थर चोरी करवायी है. अगर सरकार का दिल साफ है तो वह एरियल सर्वे करवा ले. कहां-कहां अवैध माइनिंग हुई है, पता चल जाएगा और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
एनजीटी कोर्ट ने कहा है आराजकता रोकने में राज्य सरकार नाकाम रही- सरयू
विधायक सरयू राय ने कहा कि अवैध खनन से पर्यावरण को हुई क्षति को लेकर एनजीटी कोर्ट में 3-4 मुकदमे दायर हैं. एनजीटी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि झारखंड सरकार वहां अराजकता रोकने में असफल रही है. इसपर भाजपा विधायकों ने सदन में शेम-शेम के नारे लगाये.
हिम्मत है तो उस चिट्ठी का जवाब लेकर आएं भाजपा वाले- बादल
विधायकों के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि हेमंत है तो हिम्मत है. विपक्ष में हिम्मत है तो उस चिट्ठी का जवाब ले आए, जो मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेलमंत्री को लिखा है. अभी तक उसका जवाब नहीं आया है. दुमका डीसी ने जांच में पायी थी कि अवैध खनन में रेलवे के भी अधिकारी संलिप्त थे.
विधानसभा समिति से हो जांच- बिरंची
इस पर बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार अपने कर्मों को छिपाने के लिए कभी सीबीआई जांच नहीं कराएगी, लेकिन स्पीकर को इसकी विधानसभा की समिति से जांच करानी चाहिए नहीं तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. सरकार के जवाब से नाराज भाजपा के विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे. स्पीकर ने 11 बजकर 49 मिनट पर 12.30 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
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