Dhanbad : झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कानूनी मुश्किलों में घिर गई हैं. अधिवक्ता गजेन्द्र कुमार व वकार अहमद ने उनके खिलाफ धनबाद के CJM कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. आरोप है कि पूर्णिमा नीरज सिंह ने हाल ही में कैंडल मार्च के दौरान न्यायपालिका और न्यायाधीश के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. इस बयान से अधिवक्ताओं और न्यायिक बिरादरी में आक्रोश है.
अधिवक्ता गजेन्द्र कुमार और वकार अहमद ने कहा कि पूर्णिमा सिंह ने सार्वजनिक रूप से न्यायपालिका को अन्यायपालिका कहकर संबोधित किया और न्यायाधीश पर चश्मे का पावर बढ़ाने जैसी आपत्तिजनक टिप्पणी की. वकीलों के मुताबिक यह वक्तव्य न केवल असंवेदनशील है, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है. किसी भी जनप्रतिनिधि को इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि यदि किसी फैसले से असहमति है, तो संवैधानिक व्यवस्था के तहत हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है, न कि सार्वजनिक मंच से न्यायाधीशों को अपमानित किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक पूर्णिमा सिंह अपना विवादित बयान सार्वजनिक रूप से वापस नहीं लेतीं हैं, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट तक भी इसे ले जाया जाएगा.
गौरतलब है कि सोमवार 1 सितंबर को पूर्णिमा नीरज सिंह ने जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक कैंडल मार्च निकाला था. यह मार्च पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में अदालत द्वारा 27 अगस्त को दिए गए फैसले के विरोध में आयोजित किया गया था. रणधीर वर्मा चौक पर दिए गए उनके बयान के बाद अब यह मामला अदालत की चौखट तक पहुंच गया है.
इस प्रकरण से धनबाद के राजनीतिक और न्यायिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. पूर्णिमा सिंह के समर्थक इसे भावनाओं की अभिव्यक्ति बता रहे हैं, वहीं अधिवक्ता समुदाय इसे सीधी न्यायालय की अवमानना मान रहा है. अब सबकी निगाहें अदालत के अगले कदम पर टिकी हैं.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.
Leave a Comment