Vinit Upadhyay
Ranchi : रांची में लोगों का रास्ता अवरुद्ध करने की कोशिश पिछले कुछ दिनों में बढ़ी है. पिछले लगभग दो माह में रांची के अलग-अलग इलाकों के तीन लोगों ने झारखंड हाईकोर्ट में रास्ता दिये जाने की गुहार लगायी है. प्रार्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अंचल से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं को रास्ता दिया जाये और उनके मौलिक अधिकारों का हनन ना हो.
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मदन कुमार ने सुभाष प्रसाद सिंह का रास्ता रोक
ताजा मामला रांची के नामकुम अंचल के हटिया क्षेत्र का है. जहां मदन कुमार के द्वारा सुभाष प्रसाद सिंह का रास्ता रोक दिया गया था. प्रार्थी के अधिवक्ता मनोज कुमार चौबे के मुताबिक करीब दो दशक से ज्यादा समय से जिस भूमि का इस्तेमाल आम लोग रास्ते के लिए करते थे. उसे रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारियों की मिलीभगत से रजिस्ट्री करा ली गई. मदद कुमार ने रास्ते की जमीन को रजिस्ट्री कराने के बाद अपने पड़ोसियों का ही रास्ता रोकना शुरू कर दिया. जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रांची एसडीएम को यह निर्देश दिया है कि आदेश पारित किये जाने के बाद जल्द से जल्द इस मामले में वह भी अपना आदेश पारित करें. हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि नामकुम सीओ की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम न्यायसंगत कार्रवाई करें. इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हुई.
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किसी का रास्ता बंद नहीं किया जा सकता यह मौलिक अधिकारों का हनन
याचिककर्ता के अधिवक्ता मनोज कुमार चौबे के मुताबिक हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान मौखिक रुप से कहा कि रांची में रास्ता अवरूद्ध किये जाने के मामले लगातार हाईकोर्ट के समक्ष आ रहे है. इससे पहले अदालत ने हिनू से जुड़े रास्ता विवाद की सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी में कहा था कि किसी का रास्ता बंद नहीं किया जा सकता यह मौलिक अधिकारों का हनन है.
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