NewDelhi : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया पर नयी मुसीबत आ खड़ी हुई है. फीडबैक यूनिट जासूसी मामले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्जी की है. इसके अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सलाहकार गोपाल मोहन पर भी मामला दर्ज किया गया है. सीबीआई ने जासूसी मामले में 14 मार्च को ही मनीष सिसोदिया सहित सात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. लेकिन इस बात का खुलासा आज हुआ है. (पढ़ें, बजट सत्र : सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित, स्पीकर ने बुलायी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक)
CBI registers fresh corruption case against former Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia and others over alleged irregularities in Delhi government’s ‘Feedback Unit’ pic.twitter.com/tew89t7sei
— ANI (@ANI) March 16, 2023
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ दर्ज की दूसरी एफआईआर
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज की है. इससे पहले सीबीआई ने दिल्ली में कथित तौर पर शराब घोटाला मामले में केस दर्ज किया था. साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इससे पहले मनीष सिसोदिया से पूछताछ की थी. जिसके बाद बीते 26 फरवरी को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. दरअसल सिसोदिया पर आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने साल 2016 में एक फीडबैक यूनिट तैयार की थी. इस फीडबैक यूनिट से कई लोगों की जासूसी कराई गयी थी. उन पर आरोप है कि इस यूनिट में भर्ती कराने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ली.
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गृह मंत्रालय ने सीबीआई को मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी दी थी
बता दें कि इससे पहले 22 फरवरी को जासूसी मामले में गृह मंत्रालय ने सीबीआई को मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी दी थी. जांच एजेंसी ने दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ पर जासूसी का आरोप लगाते हुए मनीष सिसोदिया और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. सीबीआई ने दावा किया था कि फीडबैक यूनिट ने राजनीतिक खुफिया जानकारी भी एकत्र की है.
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मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई और ईडी ने की थी छापेमारी
बता दें कि शराब घोटाले को लेकर भाजपा ने मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाये हैं. मनीष सिसोदिया पर टेंडर को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को टेंडर के बाद लाभ पहुंचाने का भी आरोप है. सिसोदिया पर यह आरोप लगाया गया है कि शराब बेचने वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सीबीआई और ईडी दोनों ने मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी. जांच एजेंसी ने सिसोदिया के बैंक लॉकर्स की पड़ताल भी की थी. हालांकि दोनों एजेंसी को कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे. हालांकि जांच एजेंसी ने साफ कहा था कि उसने मनीष सिसोदिया को क्लीनचिट नहीं दी है.
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