Ranchi : रांची सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने धोखाधड़ी और साजिश कर 28.66 लाख के राजस्व का नुकसान पहुंचाने के 21 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है. शनिवार को कोर्ट ने जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सुधीर जैन और सुरेंद्र जैन को दोषी करार देते हुए दो-दो वर्ष की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह ने बहस की.
तीन साल तक की सजा पर कोर्ट को जमानत देने का अधिकार
सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने सभी को जमानत दे दी, जिसके बाद वे अपने-अपने घर चले गए. बता दें कि कोर्ट द्वारा किसी मामले में तीन साल तक की सजा देने पर उसी कोर्ट को जमानत देने का अधिकार है. इसलिए कोर्ट ने तीनों को जमानत दे दी.
पहला मामला, जिसमें सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला
सीबीआई के विशेष न्यायालय ने जिस मामले में सजा सुनायी है वह OMR, Scanning मशीन की ख़रीद के दौरान टेंडर की शर्तों को बदल कर खास कंपनी को फायदा पहुचाने से संबंधित है. सीबीआई ने इस सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी की जांच में पाया था कि टेंडर की शर्तों को बदलने के बाद भी मनपसंद कंपनी के सफल नहीं होने पर दिलीप प्रसाद ने जबरन L-2 घोषित कंपनी SPS international Limited को वर्क ऑर्डर दे दिया था. सीबीआई ने मामले की जांच के बाद जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष औऱ कंपनी के दोनों निदेशकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
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